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    सीबीआई ने केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल पर दर्ज किया केस, फर्जी प्रमाणपत्रों पर प्रवेश देने का है मामला

    By Amit YadavEdited By: Amit Yadav
    Updated: Thu, 21 Sep 2023 05:33 PM (IST)

    Central Bureau of Investigation (सीबीआई) की ओर से विशाखापत्तनम में केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल पर माता-पिता से मिलकर 193 छात्रों को फेक फर्जी सेवा प्रमाणपत्रों के जरिये अयोग्य छात्रों को एडमिशन देने का मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के दौरान 124 और 2021-22 के दौरान 69 छात्रों को फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिये विद्यालयों में अनुचित प्रवेश दिया है।

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    CBI ने फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिये 193 स्टूडेंट्स को एडमिशन देने के मामले में प्रिंसिपल पर किया केस दर्ज।

    एजुकेशन डेस्क। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने विशाखापत्तनम में केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल पर केस दर्ज किया है। सीबीआई के मुताबिक विशाखापत्तनम में स्थित केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल ने बच्चों के माता-पिता से रिश्वत लेकर केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाले विभिन्न विभागों द्वारा जारी किए गए फर्जी सेवा प्रमाणपत्रों के जरिये अयोग्य छात्रों को विद्यालयों में प्रवेश दिलाया है। सीबीआई के मुताबिक ऐसे छात्रों की कुल संख्या 193 है।

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    सीबीआई के अधिकारियों के द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने प्रिंसिपल एस श्रीनिवास राजा के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें से पहली शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के दौरान 124 अयोग्य छात्रों को एडमिशन दिलाने और दूसरी 2021-22 के लिए 69 ऐसे छात्रों के प्रवेश के संबंध में मामला दर्ज किया है।

    सीबीआई की ओर से प्रधानाचार्य एस श्रीनिवास राजा पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अयोग्य छात्रों के माता-पिता के साथ मिलकर साजिश रची और आवेदनों और सेवा प्रमाणपत्रों को सत्यापित किए बिना उन्हें विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश प्रदान दे दिया। इसके बदले में उन्हें भारतीय स्टेट बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के बैंक खातों में अनुचित रूप आर्थिक लाभ यूपीआई के माध्यम से प्राप्त हुआ है।

    राजा द्वारा 2022-23 के लिए प्रदान किए गए प्रवेशों को सत्यापित करने के लिए इसी साल 3 और 4 मई को केंद्रीय विद्यालय, वाल्टेयर में आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम इकाई द्वारा की गई संयुक्त औचक जांच के दौरान सीबीआई द्वारा अनियमितताओं का पता लगाया गया था। इसके बाद

    राजा के खिलाफ केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) के आयुक्त से मंजूरी मिलने के बाद कार्रवाई शुरू की गई थी।

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