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    BPSC: बीपीएससी ने पूरे राज्य में दोबारा परीक्षा आयोजित कराने से किया इनकार, नोटिफिकेशन जारी कर साझा की डिटेल

    Updated: Sun, 29 Dec 2024 10:40 AM (IST)

    बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (बीपीएससी) की ओर से पूरे राज्य में 70th प्रीलिम एग्जाम को दोबारा से आयोजित करने से इनकार कर दिया है। बीपीएससी ने यह जानकारी ऑफिशियल वेबसाइट पर नोटिफिकेशन साझा कर दी है। बीपीएससी की ओर से अधिसूचना में कहा गया है कि री एग्जाम केवल बापू परीक्षा परिसर पटना केंद्र पर 4 जनवरी 2025 को करवाया जायेगा।

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    BPSC: बीपीएससी ने पूरे राज्य में पुनः परीक्षा कराने से किया इनकार।

    एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। बिहार में सीसीई प्रारंभिक परीक्षा को पुनः करवाए जाने को लेकर प्रोटेस्ट जारी है। इसी बीच बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने शनिवार एग्जाम पुनः न करवाए जाने को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है। बीपीएससी की ओर से बताया गया है कि एग्जाम को दोबारा से करवाए जाने के निर्णय के लिए सबूत या आधार की कमी है, ऐसे में पूरे राज्य में दोबारा से परीक्षा आयोजित किया जाना संभव नहीं है और आयोग ने दोबारा परीक्षा करवाने से इनकार कर दिया है।

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    राजेश कुमार ने साझा की डिटेल

    बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि आयोग जिला अधिकारियों द्वारा भेजी गई रिपोर्ट और अन्य ठोस सबूतों के आधार पर पुन: परीक्षा और परीक्षा रद्द करने जैसे निर्णय लेता है, न कि 'निराधार, निराधार, भ्रामक' आरोपों और 'नारों' के आधार पर।

    नोटिफिकेशन साझा कर दी गई ये जानकारी

    परीक्षा नियंत्रक, बिहार लोक सेवा आयोग, पटना की ओर से जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रा.) प्रतियोगिता परीक्षा को पूरे राज्य के केन्द्रों पर पुनर्परीक्षा कराना क्यों सम्भव नहीं है, उसकी विस्तृत जानकारी मीडिया को दी थी, जिसे विभिन्न प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक मीडिया एवं सोशल मीडिया पर इसका प्रकाशन एवं प्रसारण किया गया है! लेकिन कुछ मीडिया द्वारा इसे सनसनीखेज बनाने के लिए यह कहकर प्रकाशित किया गया है कि "किसी भी सुरत में पूरी परीक्षा की पुनर्परीक्षा नहीं ली जाएगी", "आर-पार की लड़ाई" इत्यादि ! इस तरह की Headlines से यह भ्रान्ति फैलती है कि आयोग हठधर्मिता के कारण पर्याप्त प्रमाण रहते हुए भी सभी केन्द्रों पर पुनर्परीक्षा नहीं कराना चाहता ! जिससे आयोग की नकारात्मक छवि बनती है!

    इस संबंध में परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने पुनः स्पष्ट किया है कि आयोग एक संवैधानिक संस्था है जिसका उद्देश्य अभ्यर्थियों के हित में पारदर्शी परीक्षाओं का आयोजन करना है। आयोग तथ्यहीन, निराधार, भ्रामक, सत्य से परे आरोपों एवं नारेबाजी के आधार पर किसी केंद्र की पुनर्परीक्षा कराने या न कराने के संबंध में निर्णय नहीं लेता। आयोग किसी भी केन्द्र की परीक्षा के संबंध में संबंधित जिला पदाधिकारी के माध्यम से प्राप्त प्रतिवेदन एवं अन्य अकाट्य प्रमाणों के आधार पर परीक्षा रद्द करने अथवा पुनर्परीक्षा कराने या न कराने का निर्णय लेता है।

    उन्होंने कहा कि जहां तक पूरे राज्य में एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रा.) प्रतियोगिता परीक्षा की पुनर्परीक्षा कराने का प्रश्न है, यह स्पष्ट किया जाता है कि आयोग के समक्ष न ही किसी जिला पदाधिकारी द्वारा कोई प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया है और न ही अन्य स्रोतों से कोई साक्ष्य / प्रमाण प्राप्त हुए हैं, जिसके आधार पर पुनर्परीक्षा कराने का निर्णय लिया जा सके।

    केवल एक सेंटर पर होगा दोबारा से एग्जाम

    नोटिफिकेशन में दी गई डिटेल के मुताबिक राज्य के एक परीक्षा केन्द्र बापू परीक्षा परिसर, पटना के संबंध में जिलाधिकारी पटना से प्राप्त प्रतिवेदन एवं अन्य सोशल मीडिया पर प्रसारित विडियो क्ल्पि एवं अन्य प्रमाणों के आधार पर परीक्षा का आयोजन दोबारा से किया जायेगा। परीक्षा का आयोजन 4 जनवरी 2025 को किया जायेगा।

    इसके अलावा आयोग की ओर से कहा गया है कि वर्णित स्थिति में राज्य के अन्य 911 केन्द्रों पर सम्मिलित परीक्षार्थियों के हितों को दृष्टिगत अन्य सभी केन्द्रों पर पुनर्परीक्षा कराने का कोई आधार आयोग के समक्ष नहीं है।

    परीक्षा नियंत्रक ने कहा है कि आयोग अपना निर्णय अत्यंत सावधानीपूर्वक और राज्य के युवा अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रख कर लिया है। वैसी स्थिति में अभ्यर्थियों से अनुरोध है कि ऐसे भ्रामक खबरों से दिग्भ्रमित न हों और सावधान रहें।

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