Board Exam Result: नंबर्स को लेकर बच्चों पर न बनाएं दवाब, वर्तमान परिस्थिति में ज्यादा अंक भी टैलेंट को मापने में अक्षम
देशभर में बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं। एग्जाम संपन्न होते ही स्टूडेंट्स और उनके अविभावकों को रिजल्ट जारी होने का इंतजार रहने लगता है ताकि वे आगे की प्लानिंग बना सकें लेकिन आपको इससे दूर रहने की कोशिश करनी है। इसके अलावा आप अपने बच्चों पर अच्छे अंक प्राप्त करने का ज्यादा दबाव न बनाएं क्योंकि परीक्षा में प्राप्त अंक टैलेंट को नहीं माप सकते हैं।
एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। हमारे देश में इस समय बोर्ड परीक्षाओं का दौर जारी है। बिहार राज्य में तो बोर्ड परीक्षाएं संपन्न हो चुकी हैं और कई में अगले महीने संपन्न हो जाएंगी। बोर्ड परीक्षाओं के बाद कॉपियों का मूल्यांकन होगा और उसके बाद स्टूडेंट्स को अपने रिजल्ट का इंतजार रहेगा। रिजल्ट से पहले ही कई बच्चे प्रेशर लेने लेते हैं तो कई माता-पिता अपने बच्चों से ऐसी अपेक्षा करते हैं कि वे 90, 95 या 99 फीसदी अंक लेकर आएं।
अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं तो नंबर्स को लेकर अपने बच्चों पर दबाव बनाना बंद कर दें। नंबर्स का दबाव स्टूडेंट्स को मानसिक रूप से परेशान करता है जिससे उनकी आगे की तैयारियों और मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।
नंबर्स से न आंके टैलेंट
हम आपको यह इसलिए कह रहे हैं क्योंकि वर्तमान परिस्थिति में लाखों स्टूडेंट्स के 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक आने लगे हैं। एक समय था जब 60 प्रतिशत अंक आने पर स्टूडेंट्स और उनके माता पिता धूम-धाम से इस खुशी को साथ में मनाते थे, लेकिन अब 60 प्रतिशत अंक ज्यादा नहीं लगते हैं। इसलिए अगर आपके बच्चे के अंक 90 प्रतिशत न आएं तो उन पर दवाब न बनाएं, क्योंकि अंक आपके बच्चे का टैलेंट मापने में सक्षम नहीं हैं।
(Image-freepik)
विषय चुनने की दें आजादी, खुद के ओपिनियन न थोपें
रिजल्ट जारी होने के बाद अक्सर ही माता पिता अपनी तरफ से अपने बच्चों को विषय सजेस्ट करते हैं लेकिन इसमें बच्चे को पूरी आजादी देनी चाहिए। अगर वह सांइस स्ट्रीम से न पढ़कर आर्ट्स स्ट्रीम से पढ़ना चाहता है तो उसका साथ दें। अगर आप अपने विषय उस पर थोपेंगे तो अवश्य ही वह बिना मन से उन विषयों को पढ़ेगा और उसका असर उसके आने वाले भविष्य में देखने को मिलेगा।
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