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    Anti-Ragging Laws: मामला टालने पर कॉलेजों को भी नहीं जाएगा बख्शा, देश में रैगिंग को लेकर हैं ये सख्त नियम

    By Nandini DubeyEdited By: Nandini Dubey
    Updated: Thu, 17 Aug 2023 11:08 AM (IST)

    Anti-Ragging Laws स्कूल कॉलेज यूनिवर्सिटी सहित शिक्षण संस्थानों में रैगिंग की घटनाएं सामने आती रही हैं। ऐसे में शिक्षण संस्थान और यूजीसी की ओर से तो इसे रोकने के लिए सख्त नियम बनाएं गए हैं लेकिन जरूरी यह भी है कि स्टूडेंट्स को भी इसकी पूरी जानकारी हो। कहीं उनके साथ तो कॉलेज में कोई रैंगिंग तो नहीं कर रहा है।

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    Anti-Ragging Laws: देश में रैगिंग को लेकर हैं सख्त नियम, जानें आप भी

    एजुकेशन डेस्क। Anti-Ragging Laws: हाल ही में पश्चिम बंगाल की जादवपुर यूनिवर्सिटी में एक रैंगिंग का मामला सामने आया था। इसमे फर्स्ट ईयर छात्र के साथ रैंगिंग हुई थी। छात्र का नाम था स्वप्नदीप कुंडू। स्वप्नदीप अपने सीनियर्स से इतना प्रताड़ित हो चुका था कि उसने बालकनी से कूद कर अपनी जान दे दी। फिलहाल, इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, यह कोई नया मामला नहीं है। इसके पहले भी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी सहित शिक्षण संस्थानों में इस तरह की घटनाएं सामने आती रही हैं। ऐसे में शिक्षण संस्थान और यूजीसी की ओर से तो इसे रोकने के लिए सख्त नियम बनाएं गए हैं लेकिन जरूरी यह भी है कि स्टूडेंट्स को भी इसकी पूरी जानकारी हो। कहीं उनके साथ तो कॉलेज में कोई रैंगिंग तो नहीं कर रहा है। इसलिए आज, हम छात्र-छात्राओं को इसके बारे में भी जानकारी देने जा रहे हैं।

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    कौन सी बातें आती हैं रैगिंग के दायरे में

    - किसी भी स्कूल, कॉलेज और हॉस्टल में किसी भी छात्र या छात्रा को उसके रंगरुप, पहनावे, जातिधर्म के आधार पर उसे अपमानजनक शब्द बोलना। इसके अलावा अजीबोगरीब नाम से बुलाना यह सब कुछ रैंगिंग की ही श्रेणी में आती है।

    - जूनियर से ऐसा कोई मजबूरन करवाना। उन्हें कोई भी अजीबो-गरीब टास्क देना, जो उसे बुरी तरह तोड़ दे। शर्मिंदगी महसूस करवाए या फिर कहें कि मानसिक रूप से प्रताड़ित करें, इसे भी इसी कैटेगिरी में रखा जाएगा।

    - जूनियर से अपने पर्सनल काम करवाना भी इसी दायरे में आता है।

    क्या है नियम

    देश में रैंगिंग को लेकर सख्त नियम बनाए गए हैं। इसके तहत अगर किभी शिक्षण संस्थान में यह मामला पकड़ में आता है तो उन्हें इसके लिए सात दिनों में एक्शन लेना होगा। इसके अलावा, इस मामले में पकड़े जाने पर दो साल की सजा और दस हजार रुपये तक का जुर्मान देना पड़ सकता है। वहीं, अगर कोई कॉलेज इस मामले पर सही समय पर कार्रवाई नहीं करता है या फिर टालने की कोशिश करता है तो फिर उसे भी बख्शा नहीं जाएगा। कॉलेज के खिलाफ भी एक्शन लिया जा सकता है।

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