Andaman Nicobar: 1 नवंबर 1956 को बना था केंद्र शासित प्रदेश, जानें इसका इतिहास और महत्व
Andaman and Nicobar अंडमान निकोबार पर मराठाओं से लेकर डेनस तक ने राज किया। डेनस के बाद इस पर अंग्रेजों ने अपना कब्जा कर लिया। भारत की आजादी के साथ ही यह भारत का अभिन्न अंग बन गया। इस राज्य में वर्तमान समय में केवल 3 जिले मौजूद हैं और इसकी राजधानी पोर्ट ब्लेयर है। इस राज्य में प्रशासक के रूप में एडमिरल डी के जोशी (लेफ्टिनेंट गवर्नर) पदस्थ हैं।

Andaman Nicobar: अंडमान एवं निकोबार भारत का एक केंद्र शाषित प्रदेश है। इस राज्य की स्थापना 1 नवंबर 1956 को की गयी थी। भारत की सीमा से इसकी दूरी अधिक होने के और साथ ही कम जनसंख्या के चलते इस राज्य को भारत के केंद्र शाषित प्रदेश के रूप में स्थान दिया गया है। यह राज्य बंगाल की खाड़ी के दक्षिण में हिन्द महासागर के अंतर्गत स्थित है। रिपोर्ट के अनुसार इस राज्य में कुल मिलकर 572 द्वीप स्थित हैं। इस केंद्र शासित प्रदेश का क्षेत्रफल 8249 वर्ग किलोमीटर है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार इस राज्य में 380520 लोग निवास करते थे।
केवल तीन जनपदों वाला है राज्य
अंडमान एवं निकोबा द्वीप समूह में केवल तीन जिले ही मौजूद हैं। यह तीन जिले अंदमान, दक्षिण अंडमान और निकोबार हैं। ऐसा माना गया है कि इन जिलों का लगभग 86 प्रतिशत हिस्सा केवल जंगलों से घिरा हुआ है। इस द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर है और यह इस राज्य का सबसे बड़ा शहर भी है।
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह का इतिहास
ऐसा माना जाता है कि 17वीं सदी के दौरान यहां पर मराठाओं का शासन हुआ करता था। इसके बाद 1756 में डेनस ने इन सभी द्वीपों पर कब्जा कर लिया और बाद में इसे 1848 में छोड़ दिया। इसके बाद अंग्रेजों ने 1869 में अंग्रेजों ने औपचारिक रूप से इन सभी द्वीपों पर अपना राज स्थापित कर लिया। बीच में इस पर जापान द्वारा भी कब्जा किया गया गया लेकिन बाद में अंग्रेजों ने इस पर अपना अधिपत्य फिर से कर लिया। अंत में भारत देश की आजादी के साथ ही अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह भी आजाद होकर भारत देश का अभिन्न हिस्सा बन गया।
इस केंद्र शासित प्रदेश में लेफ्टिनेंट गवर्नर एवं प्रशासक मुख्य होता है। वर्तमान समय में लेफ्टिनेंट गवर्नर एवं प्रशासक के पद पर एडमिरल डी के जोशी (लेफ्टिनेंट गवर्नर) पदस्थ हैं।
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