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    AICTE Lilavati Award 2020: केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने लॉन्च किया लीलावती अवार्ड 2020, पढ़ें पूरी जानकारी

    By Rishi SonwalEdited By:
    Updated: Tue, 17 Nov 2020 06:06 PM (IST)

    AICTE Lilavati Award 2020 समारोह को केंद्रीय शिक्षा मंत्री सहित उच्चतर शिक्षा विभाग के सचिव अमित खरे और एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो अनिल सहस्त्रबुद्धे सं ...और पढ़ें

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    कार्यक्रम का मुख्य विषय भारतीय महिलाओं के लिए एक बेहतर समाज का निर्माण करना है।

    AICTE Lilavati Award 2020: केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा रमेश पोखरियाल निशंक आज अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) का ‘लीलावती अवार्ड 2020’ लॉन्च करेंगे। लीलावती अवार्ड 2020 का विषय महिला सशक्तिकरण है। इस पुरस्कार समारोह का आयोजन 17 नवम्बर को, यानी आज शाम 5 बजे से 6 बजे तक वर्चुअल माध्यम से किया जाना है। कार्यक्रम का मुख्य विषय भारतीय महिलाओं के लिए एक बेहतर समाज का निर्माण करना है। 

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    बता दें कि समारोह को केंद्रीय शिक्षा मंत्री सहित उच्चतर शिक्षा विभाग के सचिव अमित खरे और एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो अनिल सहस्त्रबुद्धे संबोधित करेंगे। एआईसीटीई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लीलावती अवार्ड 2020 संस्थागत और टीम स्तर पर दिया जाएगा। हर टीम में कम से कम दो महिला सदस्य होंगी। प्रत्येक उप विषय के तहत तीन पुरस्कार दिए जाएंगे। इस प्रकार से महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम कर रही विभिन्न टीमों को कुल 18 पुरस्कार प्रदान किए जाने हैं।

    एआईसीटीई लीलावती अवार्ड 2020 के तहत सभी योग्य टीमों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं, जिन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और जिनके कार्यों ने समाज और महिलाओं की स्थिति को मजबूत बनाने में सहयोग किया है। योग्य टीमें उपविषयों जैसे- महिला स्वास्थ्य, आत्मरक्षा, स्वच्छता, साक्षरता आदि के तहत अपने उल्लेखनीय कार्यों का प्रदर्शन एक शॉर्ट विडियो क्लिप में कर सकती हैं। यह शॉर्ट विडियो 4 से 5 मिनट से अधिक समय का नहीं होना चाहिए। 

    लीलावती अवार्ड 2020 का उद्देश्य सभी क्षेत्रों में महिलाओं के साथ समानता और निष्पक्षता का व्यवहार करने के संबंध में किए गए कार्यों की पहचान करना है। इस पहल के द्वारा एआईसीटीई के सभी मान्यता प्राप्त संस्थानों में सभी हितधारकों को समाज में मौजूद लैंगिक भेदभाव से संबंधित मुद्दों जैसे- निरक्षरता, बेरोजगारी, आर्थिक और पोषण संबंधी असमानताओं, मातृ मृत्यु-दर और मानवाधिकार से संबंधित समाधान पेश करने का अवसर प्राप्त होगा। वहीं, यदि किसी ने महिलाओं के सशक्तिकरण के क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर प्रयास किया है तो उसे अपने कार्यों और उपलब्धियों को सामने लाने का अवसर दिया गया है।