Stop Ragging: रैगिंग रोकने में विफल रहे 18 मेडिकल कॉलेज, यूजीसी ने सभी को जारी किया नोटिस
रैगिंग रोकने को लेकर देश में कड़े कानून होने के बाद भी उत्तर प्रदेश और बिहार सहित दस राज्यों के 18 मेडिकल कॉलेज इसे रोकने में विफल रहे हैं। इन मेडिकल कालेजों में रैगिंग के मामले सामने आने पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नाराजगी व्यक्त की है। आयोग ने रैगिंग रोकने में विफल रहने वाले इन 18 मेडिकल कॉलेजों की न सिर्फ सूची जारी की है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रैगिंग रोकने को लेकर देश में कड़े कानून होने के बाद भी उत्तर प्रदेश और बिहार सहित दस राज्यों के 18 मेडिकल कॉलेज इसे रोकने में विफल रहे हैं। इन मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग के मामले सामने आने पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नाराजगी व्यक्त की है।
18 मेडिकल कॉलेजों की न सिर्फ सूची जारी की
आयोग ने रैगिंग रोकने में विफल रहने वाले इन 18 मेडिकल कॉलेजों की न सिर्फ सूची जारी की है, बल्कि इन संस्थानों से पूछा है कि वे बताएं कि आखिर क्यों उनके यहां रैगिंग नहीं रुक पाई।
यूजीसी ने देशभर के सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को पत्र लिखकर कहा है कि वे अपने संस्थानों में रैगिंग रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम करें और उन्हें इससे अवगत भी कराएं।
आयोग ने इस दौरान जिन 18 मेडिकल कॉलेजों की सूची जारी की है, उनमें बिहार और आध्र प्रदेश के तीन-तीन, असम, दिल्ली, तमिलनाडु, पुडुचेरी के दो-दो कालेज, उत्तर प्रदेश, बंगाल, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के एक-एक कालेज शामिल हैं।
इन प्रमुख मेडिकल कॉलेजों में हुई
रैगिंग जिन प्रमुख मेडिकल कालेजों में रैगिंग हुई उनमें डॉ. राम मनोहर लोहिया मेडिकल कॉलेज उत्तर प्रदेश, हमदर्द मेडिकल कालेज दिल्ली, वर्धमान मेडिकल कालेज व सफदरजंग हास्पिटल दिल्ली, मधुबनी मेडिकल कालेज बिहार, कटिहार मेडिकल कालेज बिहार, सरकारी मेडिकल कालेज बेतिया, बिहार, बुंदेलखंड मेडिकल कालेज मध्य प्रदेश, इंस्टीट्यूट आफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च बंगाल आदि शामिल हैं।
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