इस मंदिर में 1 लाख पेन चढ़ाकर हुई भगवान विघ्नेश्वर की पूजा, बच्चों ने प्रार्थना कर मांगा ज्ञान का आशीर्वाद
इस साल बसंत पंचमी का त्योहार 3 फरवरी 2025 को मनाया गया। इस मौके पर कुंभ में तीसरा शाही स्नान का आयोजन किया गया जिसमें करीब दो करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया। इस स्नान में बड़ी संख्या में विदेशियों ने भी डुबकी लगाई। वहीं इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के एक विघ्नेश्वर मंदिर में 1 लाख पेन चढ़ाकर पूजा-अर्चना की गई।

एजुकेशन डेस्क,नई दिल्ली। हाल ही में बसंत पंचमी का त्योहार देश भर में बड़ी धूममान से मनाया गया है। इस अवसर पर ज्ञान,कला और संगीत की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की गई। इसी क्रम में आंध्र प्रदेश के कोनसीमा जिले के श्री विघ्नेश्वर मंदिर, ऐनाविल्ली में भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस प्रोगाम के दौरान, मंदिर के मुख्य पुजारी सूर्यनारायण ने एक विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की। साथ ही भगवान विघ्नेश्वर के चरणों में एक लाख कलम चढ़ाए। इस अवसर पर बच्चों ने भी हाथ जोड़कर प्रभु से ज्ञान का आशीर्वाद मांगा। मंदिर में बड़ी संख्या में पहुंचे भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। साथ ही, भगवान विग्नेश्वर के चरणों में रखे गए पेन बच्चों को वितरित किए गए।
Image- freepik
बता दें कि, आंध्र प्रदेश के श्री विघ्नेश्वर मंदिर, ऐनाविल्ली में आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम तीन दिवसीय होता है। एक रिपोर्ट में धार्मिक स्थल की आधिकारिक वेबसाइट के हवाले से कहा गया है कि, मंदिर का उल्लेख पवित्र ग्रंथों में किया गया है। एक पुराण में कहा गया है, ऋषि व्यास ने दक्षिण भारत की यात्रा शुरू करने से पहले सबसे पहले यहां विनायक की मूर्ति स्थापित की थी।
Basant Panchami 2025: स्टूडेंट्स के लिए बसंत पंचमी का दिन माना जाता है बेहद शुभ
छात्र-छात्राओं के लिए बसंत पंचमी का दिन बेहद खास माना जाता है, क्योंकि इसी दिन पर सभी स्टूडेंट्स मां सरस्वती की पूजा-अर्चना कर उनसे ज्ञान का आशीर्वाद मांगते हैं। इस अवसर पर देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। ऐसे में स्कूल, कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में तरह-तरह के प्रोगाम कंडक्ट कराए जाते हैं तो वहीं छात्र-छात्राएं अपने घरों में भी विद्यादायिनी की पूजा करते हैं। स्टूडेंट्स इस दौरान, मां सरस्वती पर सफेद फूल चढ़ाते हैं और सफेद तिल अर्पित कर उनका भोग लगाते हैं। साथ ही उनकी आरती गाते हैं। संगीत प्रेमियों के लिए भी यह दिन काफी अहम माना जाता है, इस फील्ड से जुड़े लोग भी इस दिन पर मां का पूजन करते हैं। बता दें कि बसंत पंचमी हर साल माघ महीने की शुक्लपक्ष की पंचम तिथि को मनाया जाती है। इस त्योहार को वसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक भी माना जाता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।