Mumbai News: दिल्ली-मुंबई पुलिस को सफलता, मलाड में कार से 9.4 लाख रुपये के नकली सिक्के जब्त; एक गिरफ्तार
दिल्ली और मुंबई पुलिस ने मलाड निवासी की कार से 9.4 लाख रुपये के सिक्के जब्त किए हैं और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि मास्टरमाइंड नरेश कुमार विभिन्न यात्री बसों में जयपुर से मुंबई तक भारतीय मुद्रा के सिक्कों की खेप पहुंचाता था।
मुंबई, एजेंसी। दिल्ली और मुंबई पुलिस को एक संयुक्त अभियान में बड़ी सफलता मिली है। दिल्ली और मुंबई पुलिस ने मलाड निवासी की कार से 9.4 लाख रुपये के सिक्के जब्त किए हैं और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी व्यक्ति की पहचान जिग्नेश गाला के रूप में हुई है। उसे सिक्के बांटने के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
सिक्कों की जांच करेगा टकसाल
पुलिस के अनुसार, सरकारी टकसाल यह सत्यापित करेगी कि जिन सिक्कों के नकली होने का संदेह है, वे प्रामाणिक हैं या नहीं। बता दें कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल नकली नोट के मामले की जांच कर रही थी और पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। तकनीकी विश्लेषण के दौरान दिल्ली पुलिस को पता चला कि उनके मामले से जुड़ा एक व्यक्ति मलाड (ईस्ट) में है।
दिल्ली-मुंबई पुलिस ने जिग्नेश गाला को उठाया
वहीं, दिल्ली पुलिस मुंबई आई और 1 फरवरी को उन्होंने मदद के लिए मुंबई के डिंडोशी पुलिस से संपर्क किया। वरिष्ठ अधिकारियों से हरी झंडी मिलने के बाद टीमों ने जिग्नेश गाला को हिरासत में लिया। पुलिस को पता चला है कि गाला ने कमीशन के लिए काम किया है। पूछताछ के दौरान आरोपी जिग्नेश गाला ने खुलासा किया कि वह पिछले 7-8 सालों से भारतीय मुद्रा के सिक्कों की खरीद और आपूर्ति में शामिल था।
जयपुर से मुंबई तक पहुंचाता था भारतीय मुद्रा के सिक्के
उसने पुलिस को बताया कि शुरुआत में वह सूरत में बैंकों, स्थानीय व्यापारियों और पुराने व्यापारियों से मुद्रा सिक्के एकत्र करता था। हालांकि, काम करने के दौरान उसने अज्ञात व्यक्तियों से भी FICCs एकत्र करना शुरू कर दिया और मास्टरमाइंड नरेश कुमार से मिला, जिसने उसे FICCs की नियमित आपूर्ति की पेशकश की। पुलिस ने आगे कहा कि नरेश कुमार विभिन्न यात्री बसों में जयपुर से मुंबई तक भारतीय मुद्रा के सिक्कों की खेप पहुंचाता था।
दिल्ली पुलिस को सौंपा गया गाला
पुलिस ने कहा बाद में उन्होंने ट्रैवल एजेंटों के माध्यम से भी ऐसी खेप भेजना शुरू कर दिया। ऐसी हर खेप में 8-10 लाख रुपये मूल्य के FICC होते थे। लगभग 2 सालों की अवधि में उन्होंने लगभग 15-16 ऐसी खेप प्राप्त की और उन्हें खुले बाजार में वितरित किया। फिलहाल जिग्नेश गाला की कस्टडी दिल्ली पुलिस को सौंप दी गई है।
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