Swami Vivekananda Death Anniversary: स्वामी विवेकानंद ने छात्रों को सफलता के लिए दिए ये सूत्र
Swami Vivekananda Death Anniversary भारतीय हिंदू साधू दर्शनशास्त्री लेखक धार्मिक शिक्षक भारतीय गुरू रामकृष्ण के मुख्य शिष्य रहे स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1983 को कोलकाता में हुआ था। उनका बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्ता था लेकिन अमेरिका 1891 में आयोजित विश्वधर्म संसद में जाने के लिए राजपूताना के खेतड़ी नरेश द्वारा यात्रा खर्च उठाए जाने के कारण उन्होंने ही स्वामी जी को विवेकानंद नाम दिया।

Swami Vivekananda Death Anniversary: आज, 4 जुलाई को स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि है। भारतीय हिंदू साधू, दर्शनशास्त्री, लेखक, धार्मिक शिक्षक, भारतीय गुरू रामकृष्ण के मुख्य शिष्य रहे स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1983 को कोलकाता में हुआ था। उनके बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्ता था, लेकिन अमेरिका 1893 में आयोजित विश्वधर्म संसद में जाने के लिए राजपूताना के खेतड़ी नरेश द्वारा यात्रा खर्च उठाए जाने के कारण उन्होंने ही स्वामी जी को विवेकानंद नाम दिया। अमेरिका के शिकागो की धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के भाषण ने भारत की पहचान विश्व में स्थापित कर दी थी। स्वामी विवेकानंद का जीवन और उनके विचार युवाओं के लिए काफी प्रेरणादायक हैं। आइए जानते हैं स्वामी विवेकानंद की कुछ बातें जो छात्रों के लिए सफलता का सूत्र मानी जाती हैं:-
- शिकागो (अमेरिका) की विश्वधर्म संसद में स्वामी विवेकानंद ने कहा, “हम मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे देश से हूं, जिस देश ने इस धरती के सभी देशों और धर्मों के परेशान और सताए गए लोगों को शरण दी।”
- जो कमज़ोर होते हैं, वही क़िस्मत को रोते हैं जिन्हें उगना होता है वे पत्थर का सीना चीरकर भी उगते हैं।
- जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते।
- उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।
- मेरे साहसी युवाओं, यह विश्वास रखो कि तुम ही सब कुछ हो – महान कार्य करने के लिए इस धरती पर आए हो। चाहे वज्र भी गिरे, तो भी निडर हो खड़े हो जाना और कार्य में लग जाना। साहसी बनो।
- जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो। सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं।
- मेरा विश्वास युवा पीढ़ी, आधुनिक पीढ़ी में है। वे सिंह की भांति सभी समास्याओं से लड़ सकते हैं।
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