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Republic Day 2024: गणतंत्र दिवस के मौके पर जानिए क्या था पहली परेड में शामिल होने वाले चीफ गेस्ट का नाम

हर साल गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने वाले परेड में किसी भी देश के प्रधानमंत्री/राष्ट्रपति/शासक को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है। साल1955 में जब राजपथ पर पहली परेड आयोजित की गई थी तब पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद को आमंत्रित किया गया था। वहीं इस साल फ्रांस के राष्ट्रपति बतौर मुख्य अतिथि शामिल हो रहे हैं।

By Nandini Dubey Edited By: Nandini Dubey Published: Thu, 25 Jan 2024 05:43 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jan 2024 07:50 AM (IST)
Republic Day 2024: जानिए क्या था पहली रिपब्लिक डे परेड के चीफ गेस्ट का नाम

करियर डेस्क, नई दिल्ली। इस वक्त पूरा देश गणतंत्र दिवस के जश्न में डूबा हुआ है। 75वें गणतंत्र दिवस को मनाने के लिए सरकारी दफ्तरों से लेकर ऐतिहासिक इमारतों को सजाया जा चुका है। वहीं, बाजारों में बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई तिरंगे की खरीददारी में जुटा हुआ है। बता दें कि इस बार इस खास अवसर पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो बतौर चीफ गेस्ट शामिल होंगे। इसके अलावा, दिल्ली के कर्तव्यपथ पर होने वाली परेड की तैयारियां भी अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। इसी मौके पर आज हम आपको रिपब्लिक डे की परेड से जुड़े कुछ रोचक तथ्य की जानकारी देने जा रहे हैं तो आइए डालते हैं एक नजर।

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(Image-freepik)

- हर साल गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने वाले परेड में किसी भी देश के प्रधानमंत्री/राष्ट्रपति/शासक को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है।

- पहली परेड 26 जनवरी 1950 को आयोजित की गई थी। इसमें इंडोनेशिया के राष्ट्रपति डॉ. सुकर्णो को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।

- 1955 में जब राजपथ पर पहली परेड आयोजित की गई थी तब पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद को आमंत्रित किया गया था।

- यह तो हम सभी जानते हैं कि हर साल 26 जनवरी की परेड का आयोजन नई दिल्ली स्थित कर्तव्यपथ (राजपथ) पर किया जाता है, लेकिन साल 1950 से 1954 तक राजपथ पर यह परेड आयोजित नहीं की जाती थी। इन वर्षों के दौरान, 26 जनवरी की परेड क्रमशः इरविन स्टेडियम, किंग्सवे, लाल किला और रामलीला मैदान में आयोजित की जाती थी।

-परेड में भाग लेने वाले सभी लोग रात 2 बजे तक तैयार हो जाते हैं और 3 बजे तक राजपथ पर पहुंच जाते हैं। हालांकि, परेड की तैयारी पिछले वर्ष जुलाई के महीने से ही शुरू होती। अगस्त तक सभी प्रतिभागी अपने संबंधित रेजिमेंट केंद्रों पर परेड का अभ्यास करते हैं। इसके साथ ही दिसंबर तक दिल्ली पहुंच जाते हैं। 26 जनवरी को औपचारिक रूप से प्रदर्शन करने से पहले प्रतिभागी 600 घंटे तक अभ्यास कर चुके होते हैं।

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