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    IAS Success Story: 3 बार हुए फेल, चौथे प्रयास में यह रैंक लाकर पूरा हुआ इस शख्स का आईएएस बनने का सपना

    By Nandini DubeyEdited By: Nandini Dubey
    Updated: Tue, 14 Mar 2023 03:21 PM (IST)

    IAS Success Story सोहनललाल ने आईआईटी दिल्ली से बीटेक करने के बाद ही ठान लिया था कि वे जॉब नहीं करेंगे बल्कि वे अपना सपना IAS अधिकारी बनने के ख्वाब को पूरा करने के लिए आगे कदम बढ़ाएगे। इसी वजह से उन्होंने कैंपस प्लेसमेंट में हिस्सा नहीं लिया।

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    IAS Success Story: जोधपुर के सोहनलाल ने चौथे प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 681वीं रैंक लाकर बनें आईएएस।

    एजुकेशन डेस्क। IAS Success Story: आईएएस सक्सेस स्टोरी के कॉलम में हम हर दिन यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों की कहानी सुनाते हैं। इसी कड़ी में आज हम एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने देश की सबसे मुश्किल परीक्षा में सेल्फ स्टडी के दम पर सफलता पाई। इस व्यक्ति का नाम है सोहनलाल। राजस्थान के निवासी सोहनलाल ने कैसे पास की सबसे मुश्किल परीक्षा और क्या थी उनकी रणनीति आइए जानते हैं।

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    सोहनलाल राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने सीकर के एक स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है। इसके बाद, उन्हें आईआईटी दिल्ली में मिला। यहां से उन्होंने इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशंस इंजीनियरिंग में अपनी बैचलर डिग्री ली। सोहनलाल के पिता गोरधन राम खेती करते हैं, जबकि माता मनरेगा में मजदूरी कर चुकी हैं।

    जॉब नहीं तैयारी को चुना

    सोहनललाल ने आईआईटी दिल्ली से बीटेक करने के बाद ही ठान लिया था कि वे जॉब नहीं करेंगे बल्कि वे अपना सपना IAS अधिकारी बनने के ख्वाब को पूरा करने के लिए आगे कदम बढ़ाएगे। इसी वजह से उन्होंने संस्थान की ओर से आयोजित होने वाले कैंपस प्लेसमेंट में हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी।

    कोचिंग नहीं Youtube से की तैयारी

    सोहनलाल ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने के लिए किसी मंहगी कोचिंग का सहारा नहीं लिया था बल्कि इंटरनेट से मदद ली थी। वे यूट्यूब पर उपलब्ध संबंधित वीडियोज की मदद से पढ़ा करते थे। हर दिन लगभग 8 घंटे पढ़ते थे।

    तीन बार में मिली असफलता

    सिविल सेवा परीक्षा के दौरान सोहनललाल को एक या दो नहीं बल्कि 3 बार परीक्षा में असफलता मिली थी लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। वे जुटे रहे। अपनी कमियों पर काम करते रहे।

    चौथे प्रयास में हासिल की ये रैंक

    तीन प्रयासो में होने वाली कमियों पर काम करने के बाद और पाठ्यक्रम में और पकड़ बनाने के बाद चौथा प्रयास दिया था। इस बार उनकी मेहनत रंग लाई। उन्होंने परीक्षा के तीनों चरण- प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू में बेहतर प्रदर्शन किया था और उनको 681वीं रैंक हासिल की थी। यह रैंक प्राप्त करके वे आईएएस अधिकारी बन गए थे।

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