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    IAS Success Story: MBBS के बाद शुरू की यूपीएससी की तैयारी, 4 बार असफल होने के बाद 5वें प्रयास में मिली ये रैंक

    By Nandini DubeyEdited By: Nandini Dubey
    Updated: Thu, 02 Feb 2023 04:22 PM (IST)

    IAS Success Story डॉ.राजदीप सिंह खेरा (Dr Rajdeep Singh Khaira) ने अपनी स्कूली एजुकेशन लुधियाानी से कंप्लीट की थी। इसके बाद उन्होंने पटियाला स्थित सरा ...और पढ़ें

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    IAS Success Story: डॉ. राजदीप सिंह खेरा (Dr Rajdeep Singh Khaira) ने चार असफल प्रयास के बाद ऐसे पाई सफलता

     एजुकेशन डेस्क। IAS Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में पहले दूसरे और तीसरे प्रयास में असफल होने के अभ्यर्थी निराश हो जाते हैं। हताश होकर कई बार तो लोग यूपीएससी क्रैक करने का ख्वाब तक छोड़ देते हैं। हालांकि कुछ इनसे विपरीत भी होते हैं, जो अगर एक बार ठान लेते हैं तो पीछे नहीं हटते हैं। ऐसे ही एक शख्स का नाम है डॉ. राजदीप सिंह खैरा का, जिन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में एक, दो नहीं बल्कि चार बार असफलता का सामना किया लेकिन इसके बावजूद भी हिम्मत नहीं हारी और अंत में सफलता उनके हाथ लगी। आइए उनके सफर पर डालते हैं एक नजर।

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    डॉ. राजदीप सिंह खेरा (Dr Rajdeep Singh Khaira) ने अपनी स्कूली एजुकेशन लुधियाानी से कंप्लीट की थी। इसके बाद उन्होंने पटियाला स्थित सराकरी मेडिकल कॉलेज से MBBS की डिग्री ली थी। एमबीबीएस डिग्री लेने के बाद उन्हें बतौर मेडिकल ऑफिसर की जॉब मिली। इस पोस्ट पर उन्होंने काम किया।

    दिल में थी आईएएस बनने की ख्वाहिश

    भले ही डॉ.राजदीप ने मेडिकल ऑफिसर के तौर पर जॉब ज्वाइन कर ली थी लेकिन उनके मन में कहीं न कहीं आईएएस बनने का ख्वाब पल रहा था और इसीलिए उन्होंने ये जॉब छोड़कर संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।

    चार प्रयास में हुए असफल

    डॉ.राजदीप को यूपीएससी की परीक्षा में एक दो नहीं बल्कि चार बार असफलता मिली थी। चार बार निराशा मिलने से वे बुरी तरह हताश हो गए थे। हालांकि फिर भी उन्होंने अपना इरादा नहीं बदला था। पिछले प्रयास में हुई गलतियों से सीखकर उन्होंने 5वां प्रयास की तैयारी शुरू कर दी।

    इंटरव्यू से पहले पिता की मौत

    राजदीप पांचवे प्रयास के दौरान सिविल सेवा की प्रीलिम्स और मुख्य परीक्षा दे चुके थे। दोनों राउंड क्लीयर हो चुके थे। इसी दौरान उनके पिता की मौत हो गई। पिता की मौत ने राजदीप को झकझोर दिया था। वे बुरी तरह टूट चुके थे लेकिन इस मुश्किल परिस्थिति में भी उन्होंने खुद को किसी तरह संभाला और साक्षात्कार राउंड में शामिल हुए।

    हासिल की 495वीं रैंक

    इस बार उनका ख्वाब पूरा हो चुका था। पांचवे प्रयास का आखिरी पड़ाव यानी कि इंटरव्यू राउंड क्रैक कर लिया था। यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में उन्होंने इस परीक्षा में 495वीं रैंक मिली थी। इस रैंक के साथ वे आईएएस बन चुके थे। वहीं, फिलहाल में वह जालंधर में सहायक आयुक्त के पद पर तैनात हैं।