Careers in Solar Energy: सोलर सेक्टर में करियर को दें एक नई एनर्जी, जॉब्स की ढेरों संभावनाएं ..
Careers in Solar Energy रिन्यूएबल सस्टेनेबल इनोवेशंस के एनर्जी एक्सपर्ट एवं संस्थापक अजय चांडक ने बताया कि सोलर एनर्जी सेक्टर में इंजीनियर्स प्रोजेक्ट मैनेजर्स बिजनेस डेवलपमेंट एक्सपर्ट्स और सेल्स प्रोफेशनल्स को बड़ी कंपनियां हाथों हाथ ले लेती हैं।

अंशु सिंह। जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग से उपजी समस्याओं की वजह से दुनियाभर में रिन्यूएबल एनर्जी यानी अक्षय ऊर्जा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। भारत समेत अनेक देश ग्रीन इकोनामी की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, जिसके मद्देनजर सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) की ओर झुकाव तेजी से बढ़ रहा है। इससे इस क्षेत्र में करियर संभावनाएं भी बढ़ रही हैं...
काउंसिल आन एनर्जी, एनवायरमेंट एवं वाटर (सीईईडब्ल्यू), नेचुरल रिसोर्सेज डिफेंस काउंसिल (एनआरडीसी) एवं स्किल काउंसिल फार ग्रीन जाब्स द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, वर्ष 2030 तक देश के रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में करीब 10 लाख नये रोजगार सृजित होंगे। ये जाब रूफटाप सोलर एवं मिनी माइक्रो ग्रिड सिस्टम जैसे छोटे रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स में सामने आएंगे। फिलहाल, इस क्षेत्र में 1.1 लाख लोग कार्य कर रहे हैं। इंडीड द्वारा किया गया एक हालिया सर्वे बताता है कि एनवायरमेंट, साइंस, गवर्नेंस (ईएसजी) सेक्टर में बीते तीन वर्षों में नौकरियों की मांग करीब 468 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
कुछ रिपोर्ट्स कहते हैं कि आने वाले समय में सोलर एवं विंड एनर्जी सेक्टर में लगभग तीन लाख लोगों को रोजगार मिल सकता है। इसके अलावा, सोलर माड्यूल मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के विकास से भी 45 हजार के करीब नई नौकरियां सृजित होने की उम्मीद जताई जा रही है। तकनीकी रूप से स्किल्ड लोगों की बात करें, तो 2029 तक 19,920 इंजीनियर्स की मांग होगी। जानकारों का मानना है कि सोलर एनर्जी सेक्टर के विकास से ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
सोलर इंजीनियर्स का कार्य: एक सोलर इंजीनियर का कार्य सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन करना है। वे सोलर एनर्जी से संबंधित प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग और डिजाइनिंग से लेकर उसके एग्जीक्यूशन तक का कार्य संभालते हैं। उनकी ही देखरेख में रूफटाप सोलर पैनल्स के इंस्टालेशन होते हैं। किसी भी रेजिडेंशियल, कामर्शियल या इंडस्ट्रियल सोलर एनर्जी प्लांट या सोलर पावर सिस्टम विकसित करने के लिए इन इंजीनियर्स की ही मदद ली जाती है। वे साइट से लेकर सौर किट एवं तमाम अन्य उपकरणों का निरीक्षण एवं समीक्षा करते हैं।
शैक्षणिक योग्यता: आमतौर पर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करने वाले छात्र ही सोलर एनर्जी सेक्टर में कार्य करते हैं। इसके अलावा, इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग एवं कंप्यूटर साफ्टवेयर इंजीनियरिंग करने वाले युवा भी इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। देश के शीर्ष शैक्षणिक संस्थान आइआइटी के अलावा एनआइटी में जहां जेईई के जरिये दाखिला मिलता है, वहीं विभिन्न इंजीनियरिंग कालेज प्रवेश परीक्षा के आधार पर छात्रों को बीएससी (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग), बीई एवं बीटेक (सोलर एंड आल्टरनेटिव एनर्जी) आदि कोर्सेज में दाखिला देते हैं। इन परीक्षाओं में शामिल होने के लिए साइंस स्ट्रीम से 12वीं की परीक्षा पास करनी होगी। ग्रेजुएशन के बाद एनर्जी एवं मैनेजमेंट, एमटेक (रिन्यूएबल एनर्जी) में पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं। कुछ संस्थान सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्स भी संचालित करते हैं। हाल ही में आइआइटी गुवाहाटी ने एनर्जी इंजीनियरिंग में नया बीटेक कोर्स लांच किया है।
संभावनाएं: इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन के बाद युवा सोलर पावर इंजीनियर, सोलर पीवी डिजाइनर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, रिसर्च एवं डेवलपमेंट इंजीनियर, मानिटरिंग एवं फील्ड टेस्टिंग इंजीनियर आदि के तौर पर करियर शुरू कर सकते हैं। जो युवा सोलर एवं आल्टरनेटिव एनर्जी में बीटेक करते हैं, उनके लिए बायो एनर्जी, फोटोवोल्टेक, विंड पावर एवं हाइड्रोपावर इंडस्ट्री में काम करने की अच्छी संभावनाएं हैं।
-प्रमुख संस्थान
आइआइटी दिल्ली
https://dese.iitd.ac.in/
आइआइटी बांबे
https://www.ese.iitb.ac.in/
आइआइटी गुवाहाटी
https://www.iitg.ac.in/
इंडियन इंस्टीट्यूट आफ सोलर एनर्जी, ठाणे
https://indianinstituteofsolarenergy.com/
कुशल और अकुशल सभी के लिए हैं मौके: रिन्यूएबल सस्टेनेबल इनोवेशंस के एनर्जी एक्सपर्ट एवं संस्थापक अजय चांडक ने बताया कि सोलर एनर्जी सेक्टर में इंजीनियर्स, प्रोजेक्ट मैनेजर्स, बिजनेस डेवलपमेंट एक्सपर्ट्स, सेल्स प्रोफेशनल्स को बड़ी कंपनियां हाथोंहाथ ले लेती हैं, जबकि रूफटाप सोलर या अन्य सोलर पैनल्स के इंस्टालेशन, मेंटीनेंस, साफ सफाई आदि कार्यों के लिए कुशल और गैर कुशल दोनों तरह के लोगों को रोजगार मिल जाता है। इसके लिए प्राय: कंपनियां भी प्रशिक्षण देती हैं। सरकार द्वारा ‘सूर्यमित्र कौशल विकास कार्यक्रम’ के तहत प्रशिक्षण दिया जाता है। वैसे, सोलर कुकिंग, सोलर थर्मल, सोलर ड्राइर्स के क्षेत्र में रोजगार की अच्छी संभावनाएं हैं। रिन्यूएबल एनर्जी के तहत आने वाला बायोमास एवं बायोगैस सेक्टर भी भविष्य को लेकर उम्मीदें जगाता है।
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