न्यूट्रिशियनिस्ट बनकर रखें दूसरों की सेहत का ख्याल और संवारे अपना करियर
यूजी लेवल पर बीएससी इन फूड साइंस एंड न्यूट्रीशियन (BSc in Food Science and Nutrition) और पीजी लेवल पर एमएससी इन फूड एंड न्यूट्रीशियन (MSc in Food and ...और पढ़ें

नई दिल्ली, एजुकेशन डेस्क। आजकल की बिगड़ती लाइफस्टाइल ने डायबिटीज (diabetes) ,हाइपरटेंशन (hypertension), मोटापा (obesity), हृदय रोग (cardiovascular diseases), पीसीओएस (PCOS) जैसी तमाम बीमारियों को जन्म दिया है। वहीं समय-समय पर होने वाले शोध में भी यह बात सामने आई है कि लोगों की फूड हैबिट्स ठीक नहीं होने की वजह से लोगों को इन सभी बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है। वहीं इन परिस्थितियों को देखते हुए एक करियर ने बेहतर रफ्तार पकड़ी है और वह है न्यूट्रिशन। न्यूट्रिशियनिस्ट (Nutritionist) बनकर लोग न केवल लोगों के खान-पान का ध्यान रख रहे हैं, बल्कि बतौर करियर भी यह एक अच्छा ऑप्शन है। इस फील्ड में उम्मीदवार अच्छे पैकेज पर कमाई भी कर रहे हैं। आइए जानते हैं, स्टूडेंट्स कैसे इस फील्ड में चमका सकते हैं अपना करियर।
सबसे पहले तो स्टूडेंट्स जान लें कि इस फील्ड में करियर बनाने के लिए वे यूजी लेवल पर बीएससी इन फूड साइंस एंड न्यूट्रीशियन ( BSc in Food Science and Nutrition) और पीजी लेवल पर एमएससी इन फूड एंड न्यूट्रीशियन (MSc in Food and Nutrition) के अलावा Dietetics एंड पब्लिक हेल्थ न्यूट्रीशियन में पीजी डिप्लोमा (PG Diploma in Dietetics and Public Health Nutrition) होना चाहिए।
इन संस्थानों से कर सकते हैं कोर्स
नेशनल इंस्ट्टीयूट ऑफ न्यूट्रीशियन, हैदराबाद
इंस्ट्टीयूट ऑफ होम इकोनॉमिक्स, दिल्ली यूनिवर्सिटी
यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास
उस्मानिया यूनिवर्सिटी
मैसूर यूनिवर्सिटी
जीबी पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी
श्री रामचंद्र मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, तमिलनाडु
बॉम्बे यूनिवर्सिटी
ऐसे करते हैं वर्क
बतौर न्यूट्रिशियनिस्ट अपने क्लाइंट की पोषण और स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करना होता हैं। इसके साथ ही वे अपने क्लाइंट के लिए उनकी फिजिक और उनकी क्लीनिकल हिस्ट्री देखने के बाद उनके लिए फूड क्वालिटी और मात्रा तय करते हैं। इसके साथ ही उन्हें यह अपनाने में उनकी सहायता करते हैं।
यहां हैं जॉब के विकल्प
न्यूट्रिशन एक्सपर्ट (Nutritionists) के तौर पर वेलनेस सेंटर, स्वास्थ्य उत्पाद कंपनियां (फार्मास्युटिकल्स, न्यूट्रास्यूटिकल्स और एफएमसीजी), जिम और एरोबिक सेंटर, डायबिटीज क्लीनिक, मल्टीनेशनल कंपनियां, वेलनेस स्टार्टअप, रिसर्च एंड डेवलपमेंट में जॉब कर सकते हैं। इसके अलावा, उम्मीदवार फ्रीलांसर के रूप में काम कर सकते हैं। वहीं उम्मीदवार विभिन्न ऑर्गनाइजेशन के लिए कंसल्टेंट के रूप में काम कर सकते हैं। इसके साथ ही समाज कल्याण एवं विकास के लिए कार्यरत सरकारी एजेंसियां, जन स्वास्थ्य विभाग, अंतर्राष्ट्रीय खाद्य संगठन जैसे संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन भी जॉब विकल्प हैं।

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