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    Career In Nursing: नर्सिंग में बनाना है करियर तो पढ़ लें प्रमुख संस्थानों की सूची समेत पूरी डिटेल

    By Nandini DubeyEdited By: Nandini Dubey
    Updated: Wed, 08 Feb 2023 05:27 PM (IST)

    Career In Nursing कोरोना संकट के बाद के तमाम सरकारी आंकड़ों और रिपोर्ट्स में यह सामने आया है कि भारत समेत यूके आयरलैंड माल्टा जर्मनी नीदरलैंड फिनलैंड तथा बेल्जियम जैसे देशों में प्रशिक्षित नर्सों की लगातार भारी मांग बनी हुई है।

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    Career In Nursing: नर्सिंग में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले युवाओं के लिए अवसर और बढ़ेंगे।

    Career In Nursing: पिछले दिनों पेश वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में 157 नए नर्सिंग कालेज खोलने की घोषणा से नर्सिंग में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले युवाओं के लिए अवसर और बढ़ेंगे। आइए जानें कैसे बढ़ाएं इस दिशा में कदम...

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    धीरेंद्र पाठक। हाल ही में पेश आम बजट में देश के प्रमुख स्थानों पर 157 नए नर्सिंग कालेज खोलने की घोषणा के बाद माना जा रहा है कि इससे न केवल नर्सिंग स्टाफ की कमी दूर हो सकेगी, बल्कि यहां संचालित होने वाले नए पाठ्यक्रमों से अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों को संचालित करने में सक्षम प्रशिक्षित कामगार भी तैयार किए जा सकेंगे। सरकार की ओर से स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था को मजबूत करने की दिशा में इसे एक महत्‍वपूर्ण पहल माना जा रहा है। इससे युवाओं को अपने शहर में ही नर्सिंग कोर्स करने और उसके बाद सरकारी-निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम, एंबुलेंस सर्विसेज, क्रिटिकल केयर, मेंटल हेल्थ तथा जिरियाट्रिक केयर जैसे क्षेत्र में नौकरी के अवसर मिल सकेंगे।

    कोरोना संकट के बाद के तमाम सरकारी आंकड़ों और रिपोर्ट्स में यह सामने आया है कि भारत समेत यूके, आयरलैंड, माल्टा , जर्मनी, नीदरलैंड, फिनलैंड तथा बेल्जियम जैसे देशों में प्रशिक्षित नर्सों की लगातार भारी मांग बनी हुई है। ट्रेंड नर्सेज एसोसिएशन आफ इंडिया की मानें, तो वैश्विक स्तर पर सभी देश इनदिनों अपने हेल्थ केयर सिस्टम को मजबूत करने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं, इसलिए भी प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ की ज्यादा मांग देखी जा रही है। वैसे, आज के समय में फिलीपींस के बाद भारत दूसरा ऐसा देश है, जहां के प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ दुनिया के विभिन्न देशों में सबसे अधिक सेवाएं दे रहे हैं। जाहिर है, नर्सिंग की पढ़ाई करने वाले युवक-युवतियों के लिए देश-विदेश में हर जगह भरपूर अवसर सामने आ रहे हैं।

    हाइलाइट्स

    -1.7 नर्सों का अनुपात है अभी देश में एक हजार की आबादी पर, जबकि डब्‍ल्‍यूएचओ के मानक के अनुसार एक हजार की आबादी पर तीन नर्सिंग स्टाफ होने चाहिए।

    -43 लाख और नर्सिंग स्टाफ की आवश्‍यकता है देश को वर्ष 2024 तक डब्‍ल्‍यूएचओ के मानक पूरा करने के लिए।

    -50 प्रतिशत नर्सिंग स्टाफ/मिडवाइब्‍स इस समय निजी क्षेत्र के अस्पतालों में दे रही हैं अपनी सेवाएं।

    प्रशिक्षण को बढ़ावा: इंडियन नर्सिंग काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार देश में अभी पांच हजार से अधिक (लगभग 5162) नर्सिंग संस्‍थान हैं, जिनमें सरकार द्वारा संचालित संस्थानों की संख्या 13 प्रतिशत के लगभग है। ऐसे में आम बजट में 157 नये नर्सिंग कालेज खोलने की घोषणा के बाद माना जा रहा है कि नर्सिंग में करियर बनाने की चाह रखने वाले दूरदराज के युवाओं को इससे संबंधित कोर्स का लाभ अब उनके घर व शहर के आसपास ही मिल सकेगा।

    करियर के अवसर: यदि नर्सिंग के क्षेत्र में करियर की बात करें, तो इसमें तीन तरह के कोर्स करके करियर को आगे बढ़ाया जा सकता है। आप इस क्षेत्र में एएनएम (आग्जिलरी नर्सिंग मिडवाइफरी) और जीएनएम (जनरल नर्सिंग ऐंड मिडवाइफरी) का कोर्स कर सकते हैं। यह डिप्लोमा स्तर का कोर्स है। इसी तरह बीएससी नर्सिंग और पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग का कोर्स है, जो ग्रेजुएट स्‍तर का कोर्स है। इनमें से अपनी सुविधा और योग्यतानुसार कोई भी कोर्स करके नर्सिंग सहायक के रूप में करियर बनाया जा सकता है। ऐसे प्रोफेशनल्स के लिए अब पहले से कहीं अधिक करियर के मौके हैं। क्योंकि आज हर छोटे-बड़े शहर में सरकारी अस्पताल, सामुदायिक स्वास्‍थ्‍य केंद्र, प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र के अलावा अनेक निजी अस्पताल और नर्सिंग होम्स हैं, जहां हमेशा नर्सिंग या नर्सिंग सहायक की मांग रहती है।

    इसके अलावा, सरकार द्वारा संचालित मेडिकल कालेज, मिलिट्री हास्पिटल्स तथा दूसरे कई मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल्स भी हैं, जहां ऐसे प्रोफेशनल्स की सेवाएं ली जाती हैं। कोरोना के बाद बदली परिस्थितियों में एंबुलेंस सर्विसेज, क्रिटिकल केयर, मेंटल हेल्थ तथा जिरियाट्रिक केयर/ओल्डएज केयर जैसे स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं में भी नर्सिंग स्टाफ और हेल्थ वर्कर्स की चौबीसों घंटे जरूरत रहती है। कुल मिलाकर, नर्सिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद सशस्त्र सेनाओं, मिलिट्री हास्पिटल, सरकारी/निजी हास्पिटल्स, नर्सिंग होम, क्लिनिक, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग, पुनर्वास केंद्र, रेलवे अस्पतालों आदि में आसानी से जाब हासिल की जा सकती है।

    कोर्स एवं शैक्षिक योग्यता: नर्सिंग में अंडरग्रेजुएट कोर्स करने के लिए ‘नीट’ (नेशनल एलिजिबिलटी कम एंट्रेंस टेस्ट‍) उत्तीर्ण करना जरूरी है, तभी बीएससी नर्सिंग जैसे चार वर्षीय कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। नीट हर साल नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित किया जाता है। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलाजी और इंग्लिश विषय से 12वीं करने वाले उम्‍मीदवार शामिल हो सकते हैं। साथ ही, उम्र सीमा 17 से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इस बारे में विस्तृत जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट (https://neet.nta.nic.in//) देखें। यदि जनरल नर्सिंग ऐंड मिडवाइफरी (जीएनएम), एग्जिलरी नर्स मिडवाइफरी (एएनएम) जैसे कोर्स करना चाहते हैं, तो इसे क्रमश: 12वीं तथा 10वीं के बाद किया जा सकता है। जीएनएम तीन वर्ष की अवधि का कोर्स है, जबकि एएनएम कोर्स की अवधि दो वर्ष है।

    आकर्षक वेतन : नर्सिंग में प्रशिक्षित युवक-युवतियों को निजी अस्पतालों में शुरुआत में 20 हजार रुपये तक मासिक सैलरी आराम से मिल रही है। सरकारी अस्पतालों में स्टाफ नर्स/नर्सिंग आफिसर के रूप में चयन होने पर शुरुआत में कुल मासिक वेतन लगभग 45,000 से 60,000 रुपये और अन्य भत्ते मिलते हैं। विदेश में प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ को अच्छी सैलरी के साथ-साथ फैमिली वीजा सहित दूसरे कई आकर्षक लाभ भी मिलते हैं।

    प्रमुख संस्थान

    एम्स, नई दिल्ली

    www.aiims.edu

    आइपी यूनिवर्सिटी, नई दिल्लीे

    www.ipu.ac.in

    आचार्य इंस्‍टीट्यूट आफ हेल्थ साइंसेज, बेंगलुरु

    https://www.aihs.ac.in

    बीएचयू, वाराणसी

    www.bhu.ac.in

    डीपीएमआइ, नयी दिल्ली

    www.dpmiindia.com

    सेवाभावी युवाओं के लिए बेहतर क्षेत्र

    नर्सिंग पेशे में पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान भी बहुत मायने रखता है। ऐसे में युवाओं को यही सलाह है कि जिस भी संस्था से पढ़ाई करें, पहले उसकी जांच-परख जरूर कर लें तथा पढ़ाई के दौरान व्यावहारिक ज्ञान हासिल करने पर ज्यादा फोकस रखें। फिलहाल जो सेवाभावी हैं, दूसरों के लिए कुछ करने का भाव रखते हैं और नर्सिंग पेशे का अच्छा व्यावहारिक ज्ञान रखते हैं, तो निश्चित रूप से ऐसे लोग इस क्षेत्र में अच्छा करियर बना सकते हैं।

    प्रो. यतीश अग्रवाल

    डीन, यूनिवर्सिटी स्कूल आफ मेडिसिन ऐंड पैरामेडिकल हेल्थ साइंसेज, आइपी यूनिवर्सिटी, दिल्ली