Move to Jagran APP

भाजपा पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ रही चुनाव, कांग्रेस को स्थानीय मुद्दों से आस; ऊधमपुर सीट पर 'दो सिंह' आमने-सामने

जम्मू-कश्मीर की उधमपुर-डोडा लोकसभा सीट (Udhampur Lok Sabha Seat) पर 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होना है। एक तरफ भाजपा प्रधानमंत्री मोदी के विकास के नारे पर सवार दिक रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस को स्थानीय मुद्दों के आधार पर जीत की उम्मीद है। उधमपुर डोडा में दो बार सांसद रहे भाजपा और कांग्रेस के कद्दावर नेता भिड़ रहे हैं।

By Monu Kumar Jha Edited By: Monu Kumar Jha Published: Tue, 16 Apr 2024 06:16 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2024 06:25 PM (IST)
भाजपा पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ रही चुनाव, कांग्रेस को स्थानीय मुद्दों से आस; ऊधमपुर सीट पर 'दो सिंह' आमने-सामने
Jammu Kashmir News: भाजपा पीएम मोदी लहर पर सवार, कांग्रेस को स्थानीय मुद्दों से आस।

राज्य ब्यूरो,जम्मू। (Jammu Kashmir Lok Sabha Election Hindi News) कभी जम्मू-कश्मीर का सबसे पिछड़ा क्षेत्र माने जाने वाले उधमपुर-डोडा लोकसभा क्षेत्र में अब विकास इस क्षेत्र की पहचान बन चुका है। वर्ष 2014 से इस सीट पर काबिज केंद्रीय मंत्री व भाजपा उम्मीदवार डॉ जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) मोदी के नाम और विकास के नारे के सहारे हैट्रिक लगाने को प्रयासरत है। वहीं कांग्रेस ने भी दो बार के सांसद रहे चौधरी लाल सिंह (Lal Singh) को टिकट थमाया है। स्टार प्रचारकों की चकाचौंध और पार्टियों की जोर-आजमाईश से स्पष्ट है कि कोई कसर छोड़ना नहीं चाह रहा।

loksabha election banner

2019 में चार लाख से अधिक वोटों से जीते थे जितेंद्र सिंह

2014 में डा. जितेंद्र सिंह ने इस क्षेत्र से कड़े मुकाबले में कांग्रेस (Congress) के दिग्गज गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) को हराया था और इसके इनाम स्वरूप उन्हें केंद्र में मंत्री पद मिला। 2019 में पुलवामा के बाद चली मोदी लहर में विपक्ष कहीं टिक नहीं पाया और डा. जितेंद्र सिंह चार लाख से अधिक वोट से जीत दर्ज कर फिर से संसद पहुंचे।

पूर्व में पिछड़े रहे क्षेत्र में आधारभूत ढांचे का विकास और सड़कों के फैलते जाल ने लोगों की उम्मीदों और अपेक्षाओं को भी और बढ़ा दिया है। एक बार फिर वह उम्मीद जता रहे हैं कि मोदी सरकार के काम उनकी राह आसान कर देंगे। प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) की सभा और बड़े नेताओं की रैलियों से पार्टी कार्यकर्ता उत्साहित हैं और यही भाजपा की सबसे बड़ी ताकत है।

प्रधानमंत्री और गृहमंत्री भी कर चुके रैली

डा जितेंद्र सिंह के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रैलियां कर चुके हैं। कांग्रेस ने दस वर्ष पार्टी में लौटे लाल सिंह को प्रत्याशी बनाया है। अपनी टीम के सहारे वह चुनाव को रोचक बनाए हुए हैं। हालांकि कांग्रेस के बड़े नेता प्रचार में नहीं आए लेकिन उन्हें नेकां और पीडीपी का समर्थन हासिल है।

यह भी पढ़ें: Jammu Kashmir News: मतदाताओं को मतदान से सात दिन पहले ही मिल जाएगी Voter Slip, इन लोगों को मिलेगा फायदा

पूर्व मुख्यमंत्री उमर व फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) तो उनके समर्थन में रैलियां भी कर रहे हैं। वह रोजगार, राज्य का दर्जे के साथ जम्मू कश्मीर को उनका हक देने की मांग उठा रहे हैं। लाल सिंह के समर्थन में प्रचार करने के लिए अब तक सिर्फ राज बब्बर आए हैं। अब उनके समर्थन में कठुआ में प्रचार करने के लिए सचिन पायलट आ रहे हैं। कांग्रेस देश में 370 के मुद्दे पर चुप है पर लाल सिंह की 370 के समर्थन में बयान देने से भाजपा को कांग्रेस को घेरने का अवसर मिल गया है।

विकास अब बन चुका है पहचान

पिछले दस सालों में उधमपुर-डोडा में हुआ तेज विकास अब संसदीय क्षेत्र की पहचान है। इस संसदीय क्षेत्र के बनिहाल में एशिया की सबसे लंबी सुरंग, उत्तर भारत का पहला केबल ब्रिज अटल सेतु हिमाचल सीमा पर बना है। दिल्ली से कठुआ होते हुए कटड़ा तक एक्सप्रेस वे व लखनपुर-बनी-बसोहली-डोडा तक नया राष्ट्रीय राजमार्ग व छतरगला टनल भी यहीं बन रही हैं। दस सालों में तीन मेडिकल कालेज मिले हैं। क्षेत्र आने वाले समय में छह हजार मेगावाट पनबिजली पैदा करेगा।

पूर्व समीकरण

जम्मू कश्मीर में आतंक के दौर में ही इस सीट पर भाजपा ने परचम फहराकर कांग्रेस के गढ़ को ध्वस्त कर दिया था। 1996 से 1999 तक हुए तीन आम चुनाव में भाजपा ने यहां हैट्रिक बनाई पर 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में लाल सिंह ने कांग्रेस को फिर जीत की राह पर ले गए। 2014 में भाजपा ने फिर से वापसी की और इस सीट पर फिर से कब्जा जमा लिया।

उसके बाद कांग्रेस की राह यहां आसान नहीं रही। 2014 के विधानसभा चुनाव हों या फिर शहरी निकाय और जिला विकास परिषद के चुनाव, कांग्रेस खास कुछ नहीं कर पाई। इतना ही नहीं इस सीट पर खास प्रभाव रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद अब कांग्रेस से अलग हो अपनी नई पार्टी बना चुके हैं और उन्होंने भी अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विकार रसूल वानी भी इसी क्षेत्र से आते हैं।

19 अप्रैल को ऊधमपुर के 12 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 

 यह क्षेत्र पांच जिलों ऊधमपुर, कठुआ, डोडा, किश्तवाड़ और रामबन में फैला है। सबसे अधिक 5,03,227 मतदात कठुआ में हैं। वहीं उधमपुर में 420854, रामबन में 219596, डोडा में 305783 व किश्तवाड़ में 175897 मतदाता हैं।

 यह लोकसभा क्षेत्र 20 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला 

2019 का गणित

वर्ष 2019 में सीट के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में थे।

ऊधमपुर सीट पर कुल 11,82,680 वोट पड़े थे। इसमें भाजपा के डा जितेंद्र सिंह को 7,24,311 वोट मिले और दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह को 367059 वोट मिले थे।

यह भी पढ़ें: Jammu Kashmir News: 'आज भारत बोलता है तो दुनिया कान खोलकर सुनती है', कठुआ की रैली में विपक्ष पर जमकर बरसे राजनाथ सिंह


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.