मेधा पाटकर
मेधा पाटकर का जन्म 1 दिसंबर 1954 को मुंबई में व्यापार संघ के नेता और स्वतंत्रता सेनानी के घर हुआ था। मेघा कम उम्र से ही लोक सेवा करने की इच्छुक थीं। उन्होंने समाज सेवा में अपनी रुचि विकसित कीं। उनका प
मेधा पाटकर का जन्म 1 दिसंबर 1954 को मुंबई में व्यापार संघ के नेता और स्वतंत्रता सेनानी के घर हुआ था। मेघा कम उम्र से ही लोक सेवा करने की इच्छुक थीं। उन्होंने समाज सेवा में अपनी रुचि विकसित कीं। उनका पालन-पोषण राजनीतिक और सामाजिक परिवेश में हुआ। मेधा देश की प्रसिद्ध समाज सेविका के रूप में जानी जाती हैं। उन्हें नर्मदा घाटी की आवाज कहा जाता है। गांधीवादी विचारधारा से प्रभावित मेधा ने सरदार सरोवर परियोजना से प्रभावित होने वाले लगभग 37 हजार गांवों के लोगों को अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ी है। उन्होंने महेश्वर बांध के विस्थापितों के आंदोलन का भी नेतृत्व किया है। सामाजिक कार्य में रुचि के कारण मेधा टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई से 1976 में समाज सेवा की मास्टर डिग्री हासिल की। इसके बाद पांच वर्षों तक मुंबई और गुजरात की स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ जुड़कर काम करना शुरू किया। इसके अलावा टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस में स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को पढ़ाने लगीं। सूती साड़ी और हवाई चप्पल में वह साधारण स्त्री नजर आती हैं, लेकिन जब अंग्रेजी बोलना शुरू करती हैं तो पता चलता है कि वह घाट की रहने वाली नहीं हैं। मेधा ने सामाजिक अध्ययन के क्षेत्र में गहन शोध किया है।

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