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    मनु

    By Edited By:
    Updated: Tue, 06 Mar 2012 04:02 PM (IST)

    मनु, संसार के प्रथम पुरुष थे। प्रथम स्त्री थी शतरूपा। ये स्वयं भू यानि पृथ्वी से उत्पन्न होने के कारण ही स्वयंभू कहलाए। इन्हीं प्रथम पुरुष और प्रथम स्त्री की संतानों से संसार के समस्त जनों की उत्पत्ति

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    मनु, संसार के प्रथम पुरुष थे। प्रथम स्त्री थी शतरूपा। ये स्वयं भू यानि पृथ्वी से उत्पन्न होने के कारण ही स्वयंभू कहलाए। इन्हीं प्रथम पुरुष और प्रथम स्त्री की संतानों से संसार के समस्त जनों की उत्पत्ति हुई। मनु की संतान होने के कारण वे मानव या मनुष्य कहलाए। मनु को आदि भी कहा जाता है। आदि का अर्थ होता है प्रारंभ। सभी भाषाओं के मनुष्य-वाची शब्द मैन, मनुज, मानव, आदम, आदमी आदि सभी मनु शब्द से प्रभावित हैं। मनु एवं शतरूपा के कुल पांच संतानें हुईं थीं जिनमें से दो पुत्र प्रियव्रत एवं उत्तानपाद तथा तीन कन्याएँ आकूति, देवहूति और प्रसूति थी।आकूति का विवाह रुचि प्रजापति के साथ और प्रसूति का विवाह दक्ष प्रजापति के साथ हुआ। देवहूति का विवाह प्रजापति कर्दम के साथ हुआ। कपिलमुनि देवहूति की संतान थे। हिंदू पुराणों अनुसार इन्हीं तीन कन्याओं से संसार के मानवों में वृद्धि हुई। मनु के दो पुत्रों प्रियव्रत और उत्तानपाद में से बड़े पुत्र उत्तानपाद की सुनीति और सुरुचि नामक दो पत्नी थीं। सुनीति से ध्रुव तथा सुरुचि से उत्तम नामक पुत्र उत्पन्न हुए। ध्रुव ने भगवान विष्णु की घोर तपस्या कर ब्रह्माण्ड में ऊंचा स्थान पाया। मनु के दूसरे पुत्र प्रियव्रत ने विश्वकर्मा की पुत्री बहिर्ष्मती से विवाह किया था जिससे उनको दस पुत्र हुए थे।
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