Share Market Today: लगातार तीसरे दिन गिरा शेयर बाजार; FII की बिकवाली और टैरिफ वॉर का दिखा असर
HDFC बैंक और ICICI बैंक जैसी दिग्गज कंपनियों में बिकवाली के कारण बाजार पर दबाव बना रहा। सेंसेक्स टॉप 30 में HDFC बैंक मारुति टेक महिंद्रा HCL टेक ITC ICICI बैंक कोटक महिंद्रा बैंक और बजाज फाइनेंस सबसे बड़े लूजर रहे। वहीं NTPC अदाणी पोर्ट्स महिंद्रा एंड महिंद्रा टाटा स्टील और इंडसइंड बैंक बढ़त दर्ज करने वाले प्रमुख स्टॉक्स रहे।

पीटीआई, मुंबई। भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला तीसरे दिन भी जारी रहा। अमेरिका के नए टैरिफ खतरे, कमजोर एशियाई बाजारों और विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने सेंटिमेंट को कमजोर किया। BSE सेंसेक्स (Sensex) 203.22 अंक या 0.27% गिरकर 75,735.96 पर बंद हुआ। यह दिन के दौरान 476.17 अंक तक गिरकर 75,463.01 के निचले स्तर तक पहुंच गया था। वहीं, NSE निफ्टी (Nifty) 19.75 अंक या 0.09% लुढ़ककर 22,913.15 पर बंद हुआ।
HDFC बैंक और ICICI बैंक जैसी दिग्गज कंपनियों में बिकवाली के कारण बाजार पर दबाव बना रहा। सेंसेक्स टॉप 30 में HDFC बैंक, मारुति, टेक महिंद्रा, HCL टेक, ITC, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और बजाज फाइनेंस सबसे बड़े लूजर रहे। वहीं, NTPC, अदाणी पोर्ट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील और इंडसइंड बैंक बढ़त दर्ज करने वाले प्रमुख स्टॉक्स रहे।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने बुधवार को भारतीय शेयरों के ₹1,881.30 करोड़ के शेयर बेच डाले, जिससे बाजार पर दबाव बना रहा। Geojit Financial Services के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है, "घरेलू इक्विटी बाजारों में मामूली गिरावट देखने को मिली क्योंकि अमेरिकी टैरिफ बढ़ने की आशंका से पूंजी प्रवाह प्रभावित हुआ। इसके अलावा, प्रस्तावित व्यापार नीति महंगाई को बढ़ा सकती है, जबकि फेडरल रिजर्व की ताजा बैठक के अनुसार, ब्याज दरों में कटौती में देरी हो सकती है।"
वैश्विक बाजारों का हाल
एशियाई बाजारों में गिरावट में दिखी। सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग में शेयर बाजार लाल निशान में बंद हुए। अधिकतर यूरोपीय बाजार सकारात्मक रुख में कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार बुधवार को बढ़त के साथ बंद हुए। ब्रेंट क्रूड ऑयल (Brent Crude Oil) 0.08% बढ़कर $76.10 प्रति बैरल पर पहुंच गया।
बुधवार को सेंसेक्स 28.21 अंक (0.04%) गिरकर 75,939.18 पर बंद हुआ था। वहीं, निफ्टी 12.40 अंक (0.05%) गिरकर 22,932.90 पर बंद हुआ था।
रुपये का क्या हुआ?
विदेशी बाजार में अमेरिकी मुद्रा के कमजोर होने से गुरुवार को रुपया 33 पैसे बढ़कर 86.65 (अनंतिम) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि घरेलू इक्विटी में सुस्त रुझान के बीच रुपये के लिए चिंता वाली बात है। निरंतर विदेशी फंड निकासी निवेशकों की भावनाओं को प्रभावित कर रही है।
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