Share Market Today: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी, अब नजर अमेरिकी डेटा पर
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जारी है। सेंसेक्स 243 अंक गिरा लेकिन बाद में रिकवरी हुई। रिलायंस टाटा मोटर्स और अदाणी पोर्ट्स के शेयर बढ़े जबकि इंडसइंड बैंक एनटीपीसी और आईटीसी में गिरावट रही। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की टैरिफ नीति से बाजार प्रभावित हुआ। एशियाई बाजारों में टोक्यो और सियोल में गिरावट रही। FIIs ने 2377 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जबकि DIIs ने 1617 करोड़ रुपये की खरीदारी की।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। शेयर बाजारों में दो दिन की राहत के बाद शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में एक बार फिर उतार-चढ़ाव देखा गया। शुरुआती कारोबार में विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और वैश्विक व्यापार युद्ध को लेकर बनी अनिश्चितता ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया। लेकिन, बाद में अच्छी रिकवरी दिखी।
30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स सुबह के कारोबार में 243.51 अंक गिरकर 74,096.58 पर पहुंच गया। वहीं एनएसई निफ्टी 53.35 अंक लुढ़ककर 22,491.35 पर आ गया। दोपहर 11 बजे तक सेंसेक्स 0.17 फीसदी और निफ्टी 0.22 फीसदी बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था।
किन कंपनियों के शेयर गिरे, कौन से बढ़े
रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, अदाणी पोर्ट्स, लार्सन एंड टुब्रो और एक्सिस बैंक के शेयरों में बढ़त देखने को मिली। सेंसेक्स के स्टॉक्स में इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा, जोमैटो, पावर ग्रिड, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और भारती एयरटेल के शेयर गिरावट में रहे।
ट्रंप की नीतियों से बाजार में हलचल
ग्लोबल ट्रेड वॉर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का रुख निवेशकों को चिंतित कर रहा है। उन्होंने कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ लगाने का फैसला 2 अप्रैल तक टाल दिया है, जिससे बाजार में यह संदेश जा रहा है कि ट्रम्प दीर्घकालिक ऊंचे टैरिफ की जगह डील्स पर ज्यादा जोर दे सकते हैं।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार के मुताबिक, "लंबे समय तक ऊंचे टैरिफ से अमेरिकी अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगी। अमेरिकी बाजारों में आई बिकवाली इस बात का संकेत देती है कि ट्रंप की नीतियां वहां की ग्रोथ और कॉर्पोरेट अर्निंग्स पर असर डाल सकती हैं।"
एशियाई और अमेरिकी बाजारों का हाल
एशियाई बाजारों में टोक्यो और सियोल में गिरावट रही, जबकि शंघाई लगभग स्थिर रहा। हांगकांग का बाजार मामूली बढ़त में था। वहीं, अमेरिकी बाजार गुरुवार को नुकसान के साथ बंद हुए।
भारत के लिए क्या संकेत
विजयकुमार का कहना है कि चीन और जर्मनी अपनी घरेलू अर्थव्यवस्थाओं को ट्रंप की नीतियों से बचाने के लिए सुधारों पर काम कर रहे हैं। इससे ग्लोबल ट्रेड स्ट्रक्चर बदल सकता है। इसका असर स्टॉक मार्केट्स पर भी दिखेगा। हालांकि, डॉलर इंडेक्स धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है, जो भारत के लिए अच्छी खबर है।
उन्होंने कहा, "भारत की आर्थिक वृद्धि फिर से रफ्तार पकड़ रही है और शेयर बाजार की वैल्यूएशन अब संतुलित हो गई है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की खरीदारी से ज्यादा होने के बावजूद बाजार में मजबूती बनी हुई है। इसका मतलब है कि खुदरा निवेशक, हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (HNI) और अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (UHNI) लगातार बाजार में पैसा लगा रहे हैं। यह रुझान आगे भी जारी रह सकता है,"
निवेशकों की नजर फेडरल रिजर्व पर
इस बीच विदेशी निवेशकों (FIIs) ने गुरुवार को 2,377.32 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू निवेशकों (DIIs) ने 1,617.80 करोड़ रुपये की खरीदारी की। ब्रेंट क्रूड की कीमत मामूली बढ़त के साथ 69.51 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई। ट्रेडर्स अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व चेयरमैन जेरोम पॉवेल की टिप्पणियों और सेंट्रल बैंक की बैलेंस शीट पर नजर बनाए हुए हैं, जो शुक्रवार रात जारी होगी।


कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।