Share Market Open: US Fed के कटौती फैसले के बाद मचा कोहराम, शुरुआती सत्र में 1 फीसदी से ज्यादा आई गिरावट
शेयर बाजार के दोनों सूचकांक आज भारी गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। यूएस फेड द्वारा दूसरी कटौती के फैसले के बाद डॉलर मजबूत हो गया। वैश्विक बाजार से मिले कमजोर रुझानों और डॉलर इंडेक्स मजबूत होने के बाद स्टॉक मार्केट गिर गया। भारतीय करेंसी भी 12 पैसे गिरकर खुला है। आज बाजार के ब्लू चिप्स के स्टॉक गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं।

पीटीआई, नई दिल्ली। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती के संकेत दिये हैं। इस संकेत के बाद वैश्विक बाजार के रुझान काफी कमजोर रहे। इन कारणों से आज बाजार के दोनों सूचकांक शुरुआती कारोबार में गिर गए।
शुरुआती कारोबार में बेंचमार्क सेंसेक्स 1,162.12 अंक गिरकर 79,020.08 पर पहुंच गया। एनएसई निफ्टी 328.55 अंक गिरकर 23,870.30 पर आ गया। सभी 30 ब्लू-चिप स्टॉक गिरावट पर कारोबार कर रहे थे।
अर्थव्यवस्था और श्रम बाजार के संबंध में फेड प्रमुख की टिप्पणियां वास्तव में सकारात्मक हैं, जो एक लचीली अमेरिकी अर्थव्यवस्था का सुझाव देती हैं। लेकिन जब वास्तविकता उम्मीदों से कम हो जाती है तो बाजार हमेशा भयभीत हो जाता है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार
टॉप लूजर स्टॉक
शेयर बाजार के ब्लू-चिप स्टॉक गिरावट पर कारोबार कर रहे थे। इन्फोसिस, भारतीय स्टेट बैंक, टाटा स्टील, एशियन पेंट्स, जेएसडब्ल्यू स्टील, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस और महिंद्रा एंड महिंद्रा टॉप लूजर हैं।
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (अनुसंधान) प्रशांत तापसे ने कहा कि फेडरल रिजर्व ने अपनी बेंचमार्क ब्याज दर में 25 आधार अंकों की कटौती की, जो इस साल लगातार तीसरी कटौती है। फेड ने अपने 2025 के अनुमान को घटाकर केवल दो अतिरिक्त कटौती कर दी।
ग्लोबल मार्केट का हाल
एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग गिरावट में कारोबार कर रहे थे। बुधवार को वॉल स्ट्रीट तेजी से गिरावट के साथ बंद हुआ। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.40 प्रतिशत गिरकर 73.10 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। एक्सचेंज डेटा के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 1,316.81 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची।
भारतीय करेंसी में भारी गिरावट
आज शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 12 पैसे गिरकर अब तक के सबसे निचले स्तर 85.06 पर आ गया। यह गिरावट अमेरिकी फेडरल रिजर्व के सख्त रुख के कारण डॉलर में तेजी के कारण आई है। ट्रेडर्स का कहना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 2025 के लिए अपने अनुमानों को समायोजित किया है। इससे भारतीय रुपये सहित उभरती बाजार मुद्राओं पर दबाव पड़ता है।
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