Share Market Crash Today: शेयर बाजार में हाहाकार, निवेशकों के 9 लाख करोड़ रुपये खाक
शेयर बाजार में शुक्रवार को जबरदस्त गिरावट देखी गई जिससे निवेशकों के 9 लाख करोड़ रुपये डूब गए। सेंसेक्स 1414 अंक टूटकर 73198 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 420 अंक गिरकर 22124 पर आ गया। वैश्विक बाजारों में कमजोरी विदेशी निवेशकों की बिकवाली और नए टैरिफ से जुड़ी चिंताओं के चलते बाजार में भारी गिरावट आई। टेक महिंद्रा इंडसइंड बैंक टाटा मोटर्स समेत कई शेयरों में गिरावट रही।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार (28 फरवरी) को भारी गिरावट है। सेंसेक्स 1,414 अंक गिरकर 73,198.10 पर बंद हुआ। यह दिन के दौरान 1,471 अंक तक फिसल गया था। वैश्विक बाजारों में कमजोरी, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और नए टैरिफ से जुड़ी चिंताओं के चलते बाजार में तेज गिरावट देखी गई। इससे निवेशकों के 9 लाख करोड़ रुपये खाक हो गए।
बाजार पूंजीकरण की बात करें तो, बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मूल्यांकन 9,08,798.67 करोड़ रुपये घटकर 3,84,01,411.86 करोड़ रुपये रह गया। यह गिरावट पिछले साल सितंबर में बाजार के रिकॉर्ड उच्च स्तर के बाद से करीब 93.91 लाख करोड़ रुपये की है।
बाजार में जोरदार गिरावट
30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,414.33 अंकों (1.90%) की गिरावट के साथ 73,198.10 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में यह 1,471.16 अंक (1.97%) तक गिरकर 73,141.27 के स्तर तक पहुंच गया। एनएसई निफ्टी भी लगातार आठवें दिन गिरावट के साथ 420.35 अंक (1.86%) फिसलकर 22,124.70 पर बंद हुआ।
शेयर बाजार में गिरावट के कारण
एनालिस्टों का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन, कनाडा और मैक्सिको पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा के चलते वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है। इसके अलावा, आर्थिक मंदी की चिंता, उम्मीद से कमजोर कमाई और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली भी गिरावट के बड़े कारणों में शामिल हैं।
कौन-कौन से शेयर हुए धड़ाम?
सेंसेक्स में टेक महिंद्रा 6% से अधिक टूट गया, जबकि इंडसइंड बैंक 5% से ज्यादा लुढ़क गया। महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारती एयरटेल, इन्फोसिस, टाटा मोटर्स, टाइटन, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और मारुति भी नुकसान में रहे। सिर्फ HDFC बैंक ही बढ़त के साथ बंद हुआ।
ग्लोबल मार्केट में क्या हुआ?
एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग भारी नुकसान के साथ बंद हुए। यूरोपीय बाजारों में भी गिरावट का रुख रहा, जबकि अमेरिकी बाजार पहले ही नुकसान के साथ बंद हो चुके थे।
निवेशकों के लिए क्या संकेत?
निफ्टी ने लगातार पांच महीनों से नुकसान दर्ज किया है, जो 1996 के बाद सबसे लंबी लगातार गिरावट है। विश्लेषकों के मुताबिक, जब तक वैश्विक अनिश्चितता बनी रहेगी, तब तक बाजार में अस्थिरता जारी रह सकती है। ब्रेंट क्रूड की कीमत भी 1.40% गिरकर 73 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर निवेशकों की चिंता और बढ़ गई है।


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