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Market Outlook: अगले हफ्ते कैसी रहेगी बाजार की चाल, तिमाही नतीजों के साथ यह फैक्टर्स रहेंगे अहम

Market Outlook अक्टूबर महीने के दूसरे कारोबारी हफ्ते में कई कंपनी अपने तिमाही नतीजों का एलान करेगी। इसी के साथ कई कंपनी के स्टॉक एक्स-डिविडेंड पर भी ट्रेड करेंगे और कई आईपीओ भी लॉन्च होंगे। वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में जारी उतार-चढ़ाव भी बाजार को प्रभावित करेगी। आइए जानते हैं कि इस हफ्ते शेयर बाजार के कौन-से फैक्टर्स अहम रहने वाले हैं। (जागरण फाइल फोटो)

By AgencyEdited By: Priyanka KumariSun, 15 Oct 2023 02:53 PM (IST)
Market Outlook: अगले हफ्ते कैसी रहेगी बाजार की चाल, तिमाही नतीजों के साथ यह फैक्टर्स रहेंगे अहम
अगले हफ्ते कैसी रहेगी बाजार की चाल

एजेंसी, नई दिल्ली। विश्लेषकों के अनुसार इस सप्ताह बाजार के रुझान तिमाही नतीजे, कच्चे तेल की कीमतें, भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं द्वारा तय किये जाएंगे। इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की गतिविधियां भी बाजार में कारोबार को प्रभावित करेंगी।

संतोष मीना, अनुसंधान प्रमुख, स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड ने कहा

इस सप्ताह आने वाली दिग्गज कंपनियों की कमाई की रिपोर्ट से बाजार की दिशा पर काफी असर पड़ेगा। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की गतिविधियां महत्वपूर्ण होंगी, क्योंकि उनकी हालिया लगातार बिकवाली का सिलसिला जारी है।

अमेरिकी बांड पैदावार में निरंतर वृद्धि और इजराइल-हमास संघर्ष के परिणामस्वरूप अनिश्चित माहौल के कारण विदेशी निवेशकों ने इस महीने अब तक भारतीय इक्विटी से लगभग 9,800 करोड़ रुपये निकाले हैं। यह बाजार में उथल-पुथल भरा सप्ताह था, जिसमें महत्वपूर्ण घटनाएँ और उच्च अस्थिरता थी। इसके बावजूद, बाजार सकारात्मक रुख के साथ बंद हुआ, जिसका मुख्य कारण मजबूत घरेलू तरलता था।

आपको बता दें कि पिछले हफ्ते बीएसई बेंचमार्क 287.11 अंक या 0.43 फीसदी चढ़ गया।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर ने कहा

मध्य पूर्व देशों में हो रहे तनाव पर चिंताएं जारी रहने के बावजूद, दूसरी तिमाही की आय पर सकारात्मक उम्मीदों और वैश्विक बांड उपज में नरमी से प्रेरित होकर, भारतीय बाजार ने सुस्त शुरुआत से वापसी की। हालांकि, उम्मीद से अधिक अमेरिकी मुद्रास्फीति डेटा जारी होने और इसके परिणामस्वरूप ट्रेजरी पैदावार में वृद्धि ने सप्ताह के अंत तक सकारात्मक प्रवृत्ति को थोड़ा कम कर दिया।

इसके आगे वह कहते हैं कि व्यापक आर्थिक मोर्चे पर, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) डेटा में महत्वपूर्ण गिरावट और प्रभावशाली औद्योगिक उत्पादन जैसे घरेलू कारकों ने व्यापक आशावाद को बनाए रखने में मदद की। आईटी सेक्टर के कमजोर राजस्व मार्गदर्शन के कारण नतीजे सीजन की कमजोर शुरुआत और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी ने व्यापक बाजार रुझान को प्रभावित किया।

ये फैक्टर्स होंगे अहम

भविष्य को देखते हुए निवेशक दूसरी तिमाही के आय सत्र की आगे की शुरुआत पर बारीकी से नजर रखेंगे। इसमें ऑटो, वित्त और तेल एवं गैस जैसे क्षेत्रों से काफी उम्मीदें हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सितंबर में देश की खुदरा महंगाई दर घटकर तीन महीने के निचले स्तर 5 फीसदी पर पहुंच गई। वहीं, फैक्ट्री आउटपुट 14 महीने के उच्चतम स्तर 10.4 फीसदी पर पहुंच गया।

इसके अलावा19 अक्टूबर को यूएस फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल का भाषण भी ध्यान केंद्रित करने वाला एक महत्वपूर्ण कारक होगा, क्योंकि फेडरल रिजर्व अभी भी मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए इस साल के अंत तक एक और दर बढ़ोतरी के पक्ष में है।