Share Market Tips: क्या होता है P/E Ratio? शेयर खरीदने से पहले इसे देखना क्यों है जरूरी?
किसी भी कंपनी का जितना अधिक P/E Ratio होगा उसका शेयर उतना ही महंगा होगा। अर्थात वह शेयर मुनाफे के नजरिए से बेहतर नहीं होगा। वहीं P/E Ratio जितना कम होगा शेयर उतना ही सस्ता होगा। इस शेयर को खरीदने पर मुनाफे की गुंजाइश अधिक होगी।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। जब ग्राहक कोई वस्तु खरीदने बाजार जाता है, तो आमतौर पर वह 2-4 दुकानों पर मोल भाव करता है। बहुत बार एक जैसे आइटम की कीमत अलग-अलग दुकान पर कम-ज्यादा हो सकती है। जिस दुकान पर कीमत कम होती है, ग्राहक वहां से सामान खरीदता है। लेकिन क्या हम शेयर (Share) खरीदते समय भी यह बात ध्यान रखते हैं। बाजार में मुनाफे की समान संभावना वाले शेयर महंगे और सस्ते हो सकते हैं। ऐसे में हमें सस्ते शेयर ही खरीदना चाहिए, जिससे मुनाफा अच्छा बन सके। अब कैसे पता करें कि कौन-सा शेयर सस्ता है और कौन-सा महंगा। निवेशकों की इस समस्या को हल करता है पीई रेश्यो। आपने भी पीई रेश्यो (P/E Ratio) के बारे में जरूर सुना होगा। इसे हम प्राइस टू अर्निंग रेश्यो (Price-to-Earnings Ratio) भी कहते हैं।
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क्या है P/E Ratio?
P/E Ratio कंपनी की मौजूदा शेयर कीमत की उसकी प्रति शेयर आय से तुलना करता है। P/E Ratio को प्राइस मल्टीपल या अर्निंग्स मल्टीपल के रूप में भी जाना जाता है। P/E Ratio से हम कंपनी की तुलना उस सेक्टर की दूसरी कंपनियों के साथ भी कर सकते हैं।
इस तरह करें गणना
P/E Ratio निकालने के लिए आपको कंपनी के प्रति शेयर बाजार मूल्य में अर्निंग्स प्रति शेयर का भाग देना होता है। अर्निंग पर शेयर (EPS) की गणना आप टैक्स चुकाने के बाद मुनाफा (PAT) में कंपनी के कुल शेयरों का भाग देकर कर सकते हैं।
क्या पड़ता है असर?
किसी भी कंपनी का जितना अधिक P/E Ratio होगा, उसका शेयर उतना ही महंगा होगा। अर्थात वह शेयर मुनाफे के नजरिए से बेहतर नहीं होगा। वहीं, P/E Ratio जितना कम होगा, शेयर उतना ही सस्ता होगा। इस शेयर को खरीदने पर मुनाफे की गुंजाइश अधिक होगी। हाई पीई बताता है कि उस शेयर की बाजार में डिमांड अधिक है, इसलिए वैल्यूएशन हाई है।
कारण जरूर पता करें
P/E Ratio यह भी बताता है कि निवेशक रिटर्न पाने के लिए कितना गुना भुगतान करने को तैयार हैं। हालांकि, एक निवेशक को P/E Ratio के अधिक उच्च व अधिक निम्न होने के पीछे का कारण भी जानना चाहिए। अगर P/E Ratio काफी कम है और दूसरे पैरामीटर भी नकारात्मक संकेत दे रहे हैं, तो इसका मतलब है कि कंपनी की स्थिति ठीक नहीं है। इसलिए लोग शेयर नहीं खरीद रहे हैं और पीई कम है।
इंडस्ट्री P/E Ratio भी देखें
किसी कंपनी के पीई रेश्यो के साथ ही हम उस इंडस्ट्री का भी पीई निकाल सकते हैं। इंडस्ट्री पीई उस इंडस्ट्री की सभी कंपनियों का औसत पीई होता है। जब किसी कंपनी का पीई इंडस्ट्री पीई की तुलना में कम होता है, तो इसका मतलब है कि उस कंपनी के शेयर में अभी और ऊपर जाने की गुंजाइश हैं। वहीं, अगर किसी कंपनी का पीई इंडस्ट्री पीई से अधिक है, तो इसका मतलब है कि वह शेयर पहले ही काफी अधिक खरीदा जा चुका है और उसके अधिक ऊपर जाने की गुंजाइश कम हो सकती है।
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Note:- यह आर्टिकल ब्रांड डेस्क द्वारा लिखा गया है।
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