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    क्या होता है Stock Split? यह कंपनी और शेयरहोल्डर्स के लिए कैसे है फायदेमंद? क्यों किया जाता है स्टॉक स्प्लिट?

    Stock Market Investment स्टॉक स्प्लिट के तहत कंपनी अपने शेयरों को विभाजन करती है। आमतौर पर जब किसी कंपनी के शेयर बहुत महंगे हो जाते हैं तब छोटे इन्वेस्टर उन शेयरों में इन्वेस्ट नहीं कर पाते हैं। आप भी इनके बारे में जान लें।

    By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Sun, 04 Dec 2022 11:44 PM (IST)
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    Stock Market Investment, Know What is Stock Split

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। स्टॉक मार्केट (Stock Market) में कई तरह के टर्म्स का इस्तेमाल किया जाता है। ट्रेडिंग के दौरान इन्वेस्टर का सामना अक्सर कुछ शब्दों से होता है। डिविडेंड, शेयर बायबैक, स्टॉक स्प्लिट जैसे शब्द अक्सर सुनने को मिलते हैं। स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) के बारे में आपने जरूर सुना होगा। आखिर ये स्टॉक स्प्लिट क्या है? इन्वेस्टर के लिए क्यों है ये इतना महत्वपूर्ण? कंपनियां क्यों और किसलिए करती हैं इसका इस्तेमाल? ऐसे कई सवाल आपके मन में भी आते होंगे।

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    क्या होता है स्टॉक स्प्लिट?

    स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) का मतलब होता है शेयर विभाजन। स्टॉक स्प्लिट के तहत कंपनी अपने शेयरों को विभाजन करती है। आमतौर पर जब किसी कंपनी के शेयर बहुत महंगे हो जाते हैं, तब छोटे इन्वेस्टर उन शेयरों में इन्वेस्ट नहीं कर पाते हैं। ऐसे में कंपनी अपने शेयरों की ओर छोटे इन्वेस्टर को आकर्षित करने और मार्केट में मांग बढ़ाने के लिए स्टॉक स्प्लिट का भी सहारा लेती है।

    क्या होता है शेयरहोल्डर को फायदा?

    जब कोई कंपनी अपने शेयरों को दो हिस्से में विभाजन करती है, तो शेयरहोल्डर को उसके पास मौजूद हर एक शेयर के लिए एक अतिरिक्त शेयर दिया जाता है। इससे स्टॉक होल्डर के पास पहले से मौजूद शेयरों की संख्या बढ़कर दोगुनी हो जाती है। इन्वेस्ट के वैल्यू पर इससे कोई असर नहीं होता है, क्योंकि दो हर एक शेयरों को दो शेयरों में स्प्लिट करने से हर एक शेयर का वैल्यू आधा हो जाता है।

    कंपनी पर क्या असर होता है

    बता दें कि शेयर स्प्लिट से कंपनी के शेयरों की संख्या बढ़ जाती है। लेकिन इससे कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन पर कोई असर नहीं पड़ता है। वहीं, स्टॉक स्प्लिट से कंपनी के शेयर अधिक लिक्विडेट हो जाते हैं। कई बार लोग स्टॉक स्प्लिट को बोनस शेयर को एक ही समझ बैठते हैं। हालांकि, ये दोनों अलग-अलग चीजें हैं।

    छोटे निवेशकों के लिए निवेश करने से फायदा

    स्टॉक स्प्लिट से शेयरों की प्राइस कम हो जाती है। इससे छोटे इन्वेस्टर के लिए उस कंपनी के शेयरों में इन्वेस्ट करना आसान हो जाता है। प्राइस कम होने से उन शेयरों की मांग अचानक बढ़ जाती है। इसलिए स्प्लिट के बाद कुछ समय के लिए उन शेयरों में उछाल भी देखा जाता है।

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