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म्यूचुअल फंड्स में भी संभलकर करें निवेश; पहले समझें ये जोखिम, फिर करें फायदे का सौदा

Mutual Fund में निवेश लंबी अवधि का होता है। ऐसे में निवेश पर महंगाई का असर साफ दिखता है। यही वजह होती है कि Fund Manager अपने फंड्स के रिटर्न को ऐसे स्तर तक बनाए रखने की कोशिश करते हैं जिससे महंगाई के बाद भी अच्छा मुनाफा हो।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Published: Tue, 13 Sep 2022 03:29 PM (IST)Updated: Wed, 14 Sep 2022 11:33 AM (IST)
म्यूचुअल फंड्स में भी संभलकर करें निवेश; पहले समझें ये जोखिम, फिर करें फायदे का सौदा
Mutual Fund investment risk factor, know everything before investing

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। शेयर बाजार से बिना जोखिम पैसा कमाने की इच्छा रखने वाले निवेशकों को म्यूचुअल फंड्स में निवेश की सलाह दी जाती है। हालांकि आपको पता होना चाहिए कि कोई भी निवेश यहां तक की Fixed Deposit को भी 100 प्रतिशत जोखिम मुक्त नहीं माना जाता है। अगर आप कहीं पैसे लगा रहे हैं तो मानकर चलिए कि उसमें कम या ज्यादा जोखिम होता ही है। हालांकि इसी जोखिम के आधार पर रिटर्न भी तय होता है, यानि जितना ज्यादा जोखिम उतने ज्यादा रिटर्न की संभावना।

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Mutual Fund में निवेश इसलिए किया जाता है जिससे आप जोखिम कम कर सकें और बेहतर रिटर्न पा सकें। हालांकि Mutual Funds के भी स्कीम के आधार पर जोखिम कम या ज्यादा हो सकते हैं। अगर आप इन जोखिम को समझते हैं तो स्कीम का बेहतर तरीके से चुनाव कर सकते हैं। जोखिम का सीधा संबंध रिटर्न से होता है, ऐसे में आप अपने जोखिम लेने की क्षमता को समझ कर इसी के आधार पर अच्छे रिटर्न पाने की कोशिश कर सकते हैं।

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एमएफ में भी हैं जोखिम तो निवेश क्यों?

ऐसे में पहला सवाल उठता है कि अगर Mutual Funds के भी जोखिम हैं तो इसमें निवेश क्यों किया जाए। दरअसल Mutual Funds बड़े फंड की ताकत और Fund Manager के अनुभव के आधार पर सीधे निवेश के मुकाबले आपके जोखिम को कम करता है और बेहतर रिटर्न के मौके बनाता है। इसमें निवेश के अपने जोखिम होते हैं, लेकिन वो आपके द्वारा किसी एसेट में सीधे किए गए निवेश के मुकाबले काफी कम होते हैं।

यानी अनिश्चितता की स्थिति में म्यूचुअल फंड अगर जोखिम खत्म नहीं करता तो उन्हें काफी कम कर देता है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि आप अपनी स्कीम के जोखिमों को समझें और उसी आधार पर निवेश को लेकर गंभीर बनें। आइए देखें, स्कीम पर किन बातों का असर पड़ सकता है।   

शेयर बाजार के जोखिम

Mutual Funds में सबसे ज्यादा रिटर्न इक्विटी से जुड़ी स्कीम में मिलता है, इसलिए एमएफ के लिए सबसे बड़ा रिस्क खुद शेयर बाजार ही है। हालांकि जोखिम इस बात से तय होता है कि आपने किस तरह के शेयरों का चुनाव किया है। अगर आप लार्जकैप या ब्लूचिप फंड्स में पैसा लगा रहें हैं तो आपके लिए जोखिम कम होगा। हालांकि स्मॉलकैप फंड्स में पैसा लगाने पर बढ़त में रिटर्न ज्यादा मिलेगा लेकिन गिरावट में नुकसान की संभावना भी ज्यादा होगी।

अक्सर देखने को मिलता है कि बाजार में गिरावट के साथ ही लोग बिना सोचे समझे स्कीम से पैसा निकालते हैं। ऐसी स्थिति में पहले आपको बाजार में गिरावट की वजह और अपनी स्कीम के जोखिम का स्तर देखना होगा। अगर जोखिम कम है और स्टॉक मजबूत हैं तो निवेश निकाल लेना आपके लिए नुकसान का सौदा बन सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि किसी विशेषज्ञ की मदद लें और अपने स्कीम के बारे में समझें। 5paisa आपको सभी स्कीम के जोखिम के स्तर और रिटर्न के अनुमानों की सटीक जानकारी देता है जिससे आप अपनी स्कीम के गिरावट और तेजी दोनों ही स्थिति में प्रदर्शन का अनुमान लगा सकते हो। इससे आप ज्यादा बेहतर फैसला ले सकते हैं।  

महंगाई दर का जोखिम

 Mutual Fund में निवेश लंबी अवधि का होता है, ऐसे में निवेश पर महंगाई का असर साफ दिखता है। यही वजह होती है कि Fund Manager अपने फंड्स के रिटर्न को ऐसे स्तर तक बनाए रखने की कोशिश करते हैं जिससे महंगाई के असर के बाद भी मुनाफा बेहतर हो।

अगर स्कीम पहले से काफी ऊंचे रिटर्न दे रही हो तो महंगाई का असर खास नहीं पड़ता, क्योंकि आपके रिटर्न ऊंचे हैं। हालांकि अगर रिटर्न काफी कम हैं तो महंगाई की वजह से उनका वास्तविक मूल्य कम हो जाता है। यही वजह है कि एक्सपर्ट अलग अलग जोखिम और रिटर्न के आधार पर अलग अलग स्कीम में निवेश की सलाह देते हैं जिसमें आपका औसत रिटर्न ऊंचा ही बना रहे और आप महंगाई के असर से बच जाएं।

आप इसके लिए 5paisa जैसे एप की मदद ले सकते हैं। जहां म्यूचुअल फंड्स में निवेश पर कोई कमीशन नहीं लिया जाता है। वहीं आपको जोखिम उठाने के आधार पर सबसे बेहतर रिटर्न देने वाली स्कीम की जानकारी दी जाती है जिससे आपके रिटर्न हर स्थिति में ऊंचे ही बने रहें।

ब्याज दरों का असर

डेट म्यूचुअल फंड्स के लिए ब्याज दरों में बदलाव भी एक बड़ा जोखिम है। डेट फंड तब बेहतर प्रदर्शन करते हैं जब ब्याज दरें गिरती हैं। हालांकि दरों में बढ़त के साथ रिटर्न पर दबाव देखने को मिलता है। दरअसल, जब ब्याज दरें बढ़ती हैं तो निचली दरों पर जारी हुए बॉन्ड्स की वैल्यू घट जाती है, क्योंकि बॉन्ड में निवेश करने को उत्सुक निवेशक ऊंचे कूपन रेट को प्राथमिकता देता है।

ऐसे में डेट फंड्स से स्थिर रिटर्न पाने के लिए आपको स्कीम के चुनाव के लिए दरों में बढ़ोतरी या कटौती के साथ कई अन्य बातों को भी देखना होता है। डेट फंड्स में भी कई कैटगरी होती है जिसमें अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड, मनी मार्केट फंड्स, लो ड्यूरेशन फंड्स, लिक्विड फंड्स ओवरनाइट फंड्स शामिल हैं और इन सब पर ब्याज दरों में बढ़त का असर अलग अलग होता है। 5paisa के साथ आप किसी भी स्थिति में अपने लिए सबसे बेहतर फंड्स का चुनाव कर सकते हैं और बढ़ते ब्याज दरों के बीच अपने निवेश पर जोखिम को कम कर सकते हैं।

अगर आप भी बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो 5paisa एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां इन्वेस्टिंग न तो सिर्फ ईजी पर रिवॉर्डिंग भी है। DJ2100 - Coupon Code के साथ बनाइए अपना Demat Account 5paisa.com पर और पाएं ऑफर्स का लाभ।

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Note:- यह आर्टिकल ब्रांड डेस्क द्वारा लिखा गया है।


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