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    कम्पनी की Book Value और PB Ratio से जानें उसके बारे में खास बातें

    By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth Priyadarshi
    Updated: Mon, 16 Jan 2023 06:41 PM (IST)

    किसी कम्पनी की मार्केट वैल्यू शेयर मार्केट में उसके शेयर की कीमत होती है जबकि Book Value उसकी वास्तविक वैल्यू होती है। कम्पनी की मार्केट वैल्यू मार्केट के मूड लोगों की भावनाएं कम्पनी को लेकर आई खबर आदि कई चीजों से प्रभावित होती हैं।

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    Learn special things about the company from its Book Value and PB Ratio

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। शेयर बाजार में निवेश से पहले उसके कुछ महत्वपूर्ण टर्म्स को समझना बेहद आवश्यक होता है। इन्हीं महत्वपूर्ण टर्म्स में से एक है किसी कम्पनी की Book Value, जो की निवेश से पहले की जाने वाली फंडामेंटल एनालिसिस का महत्वपूर्ण हिस्सा है। Book Value क्या होती है और यह मार्केट वैल्यू से कैसे अलग है यह बात एक निवेशक के लिए जानना बेहद जरूरी है।

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    सरल भाषा में Book Value किसी कम्पनी की वास्तविक वैल्यू होती है। यह किसी शेयर होल्डर को मिलने वाली वास्तविक वैल्यू है। इसको ऐसे भी समझ सकते हैं कि अगर कोई कम्पनी अपने सभी शेयर बेच दे और वह सारी देनदारी भी चुका दे तो उसके पास जो पैसा बचेगा वह उसकी Book Value होगी। इसे किसी कम्पनी की नेट एसेट वैल्यू भी कहते हैं।

    किसी कम्पनी की मार्केट वैल्यू, शेयर मार्केट में उसके शेयर की कीमत होती है, जबकि Book Value उसकी वास्तविक वैल्यू होती है। कम्पनी की मार्केट वैल्यू मार्केट के मूड, लोगों की भावनाएं, कम्पनी को लेकर आयी खबर आदि कई चीजों से प्रभावित होती हैं। ऐसे में यह कभी-कभी निवेशक को एक भ्रम भी दे देती हैं। इसलिए निवेश से पहले बुक वैल्यू को समझना बेहद आवश्यक है।

    फंडामेंटल एनालिसिस के लिए प्राइस टू बुक वैल्यू रेशियो को समझना बेहद जरूरी है। इसके जरिये किसी कम्पनी का वैल्यूएशन निकाला जाता है व निवेशक यह समझ पाते हैं कि इसके शेयर अंडरवैल्यूड या ओवरवैल्यूड तो नहीं हैं। प्राइस टू बुक वैल्यू रेशियो या PB Ratio निकालने के लिए कंपनी के कुल शेयर के मार्केट प्राइस को उसकी बुक वैल्यू से डिवाइड करने होता है। अगर PB Ratio 1 से ज्यादा है तो इसका मतलब है कि वह कम्पनी ओवर वैल्यूड है और अगर यह रेशियो 1 से कम है तो वह कम्पनी अंडर वैल्यूड है।

    लेखक- सत्यम सिंह