नए साल में इन बातों को ध्यान में रख करें इन्वेस्टमेंट तो होगा फायदा, रिटर्न भी मिलेगा तगड़ा
फाइनेंशियल तौर पर स्वस्थ रहने के लिए एक इन्वेस्टर होने के नाते योजना जरूर बनानी चाहिए और इन्वेस्टमेंट का लक्ष्य तय करना चाहिए। एक बेहतर फाइनेंशियल योजना होने से न सिर्फ आपको अच्छे इन्वेस्टमेंट से जुड़े फैसले लेने में हेल्प मिल सकती है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। हर कोई युवा चाहता है कि वह पैसे से पैसा बनाए।अगर आप नए साल में इन्वेस्टमेंट की जर्नी शुरू करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले होमवर्क करना जरूरी है। इन्वेस्टमेंट में बेहतर रिटर्न, सही स्ट्रैटेजी, तय लक्ष्य के अनुसार, इन्वेस्टमेंट और रिस्क मैनेजमेंट बहुत मायने रखता है। इन्वेस्टमेंट में क्या करें और क्या न करें, इसे समझना बहुत जरूरी होता है। ऐसे में नए साल में इन्वेस्टमेंट की सही तैयारी कैसे करें चलिए जानते हैं।
लालच और डर से जरूर बचें
बता दें कि, इन्वेस्टमेंट करते वक्त, किसी इन्वेस्टर का मनोविज्ञान वास्तव में महत्वपूर्ण भूमिका होता है। अगर आपका इन्वेस्टमेंट बेहतर प्रदर्शन कर रहा है और मन के मुताबिक, रिटर्न दे रहा है तो एक इन्वेस्टमेंट को मुनाफा बुक करके बाहर निकल जाना चाहिए। अगर कोई ट्रेड निगेटिव हो रहा है तो उस पर बने रहने और पैसे खर्च करने के बजाय आप बाहर निकल जाए। अधिक लालच से बचें। वहीं, आपको कई बार यह ज्यादा लालच नुकसान भी पहुंचा सकता है।
फाइनेंशियल लक्ष्य निर्धारित करें और रिसर्च जरूर कर लें
फाइनेंशियल तौर पर स्वस्थ रहने के लिए एक इन्वेस्टर होने के नाते योजना जरूर बनानी चाहिए और इन्वेस्टमेंट का लक्ष्य तय करना चाहिए। एक बेहतर फाइनेंशियल योजना होने से न सिर्फ आपको अच्छे इन्वेस्टमेंट से जुड़े फैसले लेने में हेल्प मिल सकता है, बल्कि आपके बजट बनाने और ज्यादा पैसे बचाने में भी हेल्प करता है। एक इन्वेस्टर को इन्वेस्टमेंट के मौके पर रिसर्च करना बहुत जरूरी होता है। दरअसल, हर स्टॉक या एसेट क्लास की जांच करना कठिन हो सकता है। लेकिन इन्वेस्टर को अपनी मेहनत की कमाई का इन्वेस्टमेंट करने से पहले कुछ सिक्योरिटी को शॉर्टलिस्ट करना बेहद जरूरी होता है और उनका रिसर्च और एनालिसिस भी करना चाहिए। साथ ही, आपको खुद को अपडेट करते रहना चाहिए।
रिस्क मैनेजमेंट पर दें ध्यान
एक सफल इन्वेस्टर होने के नाते रिस्क को मैनेज करना बेहद जरूरी है।हर इन्वेस्टर को रिस्क मैनेजमेंट पर ध्यान देना चाहिए। चाहे आपका पूंजी कितनी भी बड़ी या छोटी क्यों न हो। अपनी रिस्क लेने की क्षमता को जानना फाइनेंशियल मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने के लिए एक शर्त होता है। बता दें कि, इन्वेस्टमेंट तब ही किया जाना चाहिए जब वह आपके फाइनेंशियल लक्ष्य के अनुकूल हो और आपके रिस्क प्रोफाइल के भीतर हो। वहीं, नुकसान से बचने के लिए स्टॉप-लॉस रखना बहुत जरूरी होता है। अपने रिस्क मैनेजमेंट पर काम करने से सुरक्षित रिटर्न में हेल्प मिलता है।
धैर्य रखना है जरूरी
निवेश करते समय एक निवेशक को धैर्य रखना बहुत जरूरी है। मार्केट हमेशा स्थिर नहीं होते हैं। ग्लोबल घटनाएं, भू-राजनीतिक तनाव और दूसरे छोटे या व्यापक आर्थिक फैक्टर आपके इन्वेस्टमेंट के मूल्य को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसी स्थितियों में आप घबराएं नहीं। मार्केट में धैर्य रखने पर अक्सर सही रिजल्ट मिलता है। इसलिए, यह एक ऐसी क्वालिटी है जो हर इन्वेस्टर के अपने अंदर होनी चाहिए।
लेखक- सुमित रजक
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