क्रिकेट मैच ऐसे करता है आपके इन्वेस्टमेंट में मदद, ये सबक आएंगे काम
Stock Market Investment फाइनेंशियल गोल को पाने के लिए आपके पोर्टफोलियो में सही एसेट एलोकेशन को होना जरूरी होता है। इक्विटी डेट रियल एस्टेट गोल्ड सहित ...और पढ़ें

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। ICC T20 क्रिकेट वर्ल्ड कप चल रहा है। पूरे देश में इसे लेकर उत्साह अपने चरम पर है। क्रिकेट केवल एक खेल ही नहीं है, इसकी स्पोर्ट्समैन स्परिट, लगन और आखिरी बॉल तक उम्मीद न छोड़ने का एटीट्यूड बेहद महत्व रखता है। इससे इन्वेस्टर्स काफी कुछ सीख सकते हैं।
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लॉन्ग टर्म में हमेशा सफलता के लिए सभी 11 खिलाड़ियों का अच्छा प्रदर्शन करना जरूरी होता है। यदि आप पिछले क्रिकेट वर्ल्ड कप में जीते हुए टीमों का प्रदर्शन देखें तो हर खिलाड़ी का योगदान अलग नजर आता है। इसी तरह, फाइनेंशियल गोल को पाने के लिए आपके पोर्टफोलियो में सही एसेट एलोकेशन को होना जरूरी होता है। इक्विटी, डेट, रियल एस्टेट, गोल्ड सहित अन्य एसेट क्लास में सही इन्वेस्टमेंट लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न दिला सकता है।
क्रिकेट में खेल की सही रणनीति बनाना भी जरूरी होता है। इसमें विरोधी टीम का पूरी तरह से विश्लेषण कर पिच और स्थिति के मुताबिक मैच की तैयारी करनी होती है। इसके अनुसार, हर खिलाड़ी को अपनी अपनी भूमिका निभानी होती है। इसी तरह, सही रणनीति बनाकर इन्वेस्टमेंट जर्नी शुरू कर सकते है।
बड़े स्कोर को पाने के लिए टीम को आक्रामक शुरुआत करनी होती है। यदि रन रेट आगे नहीं बढ़ता है तो टीम दबाव में आकर अपने लक्ष्य से चूक सकती है। इसी तरह, यदि आपको रिटायरमेंट के लिए मोटी रकम जमा करनी हो तो आक्रामक शुरुआत करनी होगी। थोड़ा रिस्क भी लेना होगा और इक्विटी में इनवेस्टमेंट करना होगा क्योंकि शेयरों में लॉन्ग टर्म में महंगाई को मात देने की क्षमता होती है।
वहीं, जब पारी की शुरुआत में कुछ विकेट गिर जाएं तो बल्लेबाज का पिच पर धैर्य के साथ टिके रहना जरूरी हो जाता है। ऐसे में चौके-छक्कों के बजाए एक-दो रन लेना बेहतर है। इसी तरह, पर्सनल फाइनेंस में भी परिस्थिति के अनुसार आपको कदम उठाना चाहिए। यदि आप बैंक सेविंग अकाउंट का ऑप्शन रहे हों तो लिक्विड फंड्स चुन सकते हैं। किसी खिलाड़ी के चोटिल होने या प्रदर्शन खराब होने पर टीम में उसकी जगह किसी अन्य योग्य खिलाड़ी को लाना पड़ता है। इसी तरह, यदि किसी एसेट क्लास का प्रदर्शन अच्छा न हो तो उसकी जगह किसी अन्य बेहतर एसेट क्लास में इन्वेस्टमेंट करना चाहिए। इस परिस्थिति में रिस्क लेना दोनों टीम के लिए हार की वजह बन सकता है। जब रिटायरमेंट का कॉर्पस लक्ष्य के करीब हो, उस समय इक्विटी से इन्वेस्टमेंट घटाकर डेट में बढ़ाना चाहिए। इससे आप रिटायरमेंट कॉर्पस को मार्केट के उतार-चढ़ाव से बचा सकते हैं।
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लेखक- सुमित रजक

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