सहयोग से समाधान : ग्राहकों से स्वर्णिम रिश्ते संकटकाल की कसौटी में भी खरे उतरे!
निष्ठा धैर्य विश्वास और सकारात्मक रवैया अपनाकर किसी भी कारोबार में कामयाबी हासिल की जा सकती है। पीसी ज्वैलर्स ने भी कुछ इसी तरह अपने काम को आगे बढ़ाया और सदा ग्राहकों से जुड़कर व उनकी पसंद को ध्यान में रखकर काम किया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। निष्ठा, धैर्य, विश्वास और सकारात्मक रवैया अपनाकर किसी भी कारोबार में कामयाबी हासिल की जा सकती है। इस सोच को अगर हम जीवनभर अपनाकर आगे बढ़ते जाएं, तो सफलता प्राप्त करने से हमें कोई नहीं रोक सकता। पीसी ज्वैलर्स ने भी कुछ इसी तरह अपने काम को आगे बढ़ाया और सदा ग्राहकों से जुड़कर व उनकी पसंद को ध्यान में रखकर काम किया। कोरोना के समय ग्राहकों की सेफ्टी की हाइटेक व्यवस्था की गई। उनसे लगातार संपर्क बनाए रखा गया। ऐसे कदमों से ग्राहकों का भरोसा बना रहा और संकट में भी कारोबार चलता रहा।
2005 में करोल बाग से हुई शुरुआत, आज 83 शोरूम
पीसी ज्वैलर्स के मीडिया व मार्केटिंग प्रमुख राहुल जैन ने बताया कि 2005 में पीसी ज्वैलर्स की शुरुआत कंपनी के चेयरमैन स्वर्गीय पदम चंद गुप्ता ने की थी। आज प्रबंधक निदेशक बलराम गर्ग ने करोल बाग से लेकर देशभर में पीसी ज्वैलर्स की शान बढ़ा दी है। पूरी दिल्ली में इनके 20 और देशभर में 83 शोरूम हैं। राहुल ने कहा कि हमारे पेशे में ग्राहक और दुकानदार का रिश्ता पीढ़ी-दर-पीढ़ी मजबूत होता है। यह मुश्किल हालातों से निपटने के लिए आपको संबल देता है और इस बात की प्रेरणा भी कि आप सफर में अकेले नहीं है। वह बताते हैं कि पिछले 15 वर्षों में ज्वैलरी की गुणवत्ता का खास ख्याल रखा गया है। आइए जानते हैं कि कोरोना संकट के दौरान ऐसे क्या उपाय किए गए, जिनसे कारोबार की चमक बरकरार रही।
समाधान 1: ग्राहकों की सुरक्षा को बनाया सर्वोच्च प्राथमिकता
पीसी ज्वैलर्स ने कोरोना में ग्राहकों की सुरक्षा व विश्वास को बनाए रखने के लिए विशेष व्यवस्था की, जिससे ग्राहकों का विश्वास उन पर बना रहा। सभी शोरूम में प्रवेश करने से पहले थर्मल स्क्रिनिंग के माध्यम से ग्राहकों का तापमान जांचा जाता है और उनके हाथ सैनिटाइज किए जाते हैं। ग्राहकों को मास्क व ग्लव्स भी दिए जाते हैं। इसके बाद एक फ्लोर मैट पर उनके जूतों को साफ करवाया जाता है। उन्हें सेल्स एग्जिक्यूटिव अपने साथ ज्वैलरी दिखाने ले जाती हैं। ग्राहक द्वारा ज्वैलरी देखने के बाद ज्वैलरी व ज्वैलरी ट्रे को भी यूवी रेज मशीन से सैनिटाइज किया जा रहा है। इससे ग्राहकों की सुरक्षा पूरी तरह सुनिश्चित की जा रही है। यह चीज ग्राहकों को बहुत पसंद आ रही है और वे बेझिझक ज्वैलरी की खरीदारी करने पहुंच रहे हैं।
समाधान 2: आधुनिक तकनीक की ताकत को पहचाना, ग्राहकों से रिश्ते की चेन हुई और मजबूत
कोरोना काल में 24 मार्च से लेकर तीन मई तक शोरूम बंद रहा, लेकिन जैसे ही शोरूम खुला ग्राहक भी आने शुरू हुए। लॉकडाउन में ग्राहकों से जुड़े रहने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि का सहारा लिया। पीसी ज्वैलर्स के ऑनलाइन पोर्टल पीसी ज्वैलर्स डॉट कॉम पर बहुत अच्छा परिणाम मिला, पहले से ज्यादा लोगों ने ऑनलाइन खरीदारी में रुचि दिखाई।
(पीसी ज्वैलर्स के मीडिया व मार्केटिंग प्रमुख राहुल जैन)
समाधान 3: गेम के सहारे ग्राहकों को किया प्रोत्साहित
कोरोना के समय लोग बहुत तनाव में भी थे, तो उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग गेम्स खिलाए। पूरे देशभर में ऑनलाइन तंबोला गेम खिलाया और मातृ दिवस पर एक प्रतियोगिता रखी। इसमें बच्चों को अपनी मां के साथ बिताए पल व बेस्ट फोटो साझा करने के लिए कहा गया। इन दोनों खेलों में भाग लेने वाले करीब 25 लोगों को डायमंड की ज्वैलरी गिफ्ट की गई थी।
समाधान 4: कोरियर सर्विस का भी मिला फायदा
पीसी ज्वैलर्स ने कोरियर सर्विस भी शुरू की। कोरियर सेवा शुरू होते ही लोगों को ज्वैलरी के ऑर्डर भी भिजवाए जाने लगे। जिनके घरों में शादी थी, वह भी शोरूम खुलने का इंतजार कर रहे थे, तो शोरूम खुलते ही लोग भी पहुंचने लगे। हालांकि कोरोना के पहले और बाद में सिर्फ 10 फीसद ही खरीदारों की संख्या में कमी आई, लेकिन जितना सोचा था उससे अच्छा कारोबार चला।
समाधान 5: लगातार ग्राहकों के संपर्क में रहे
कोरोना में ग्राहकों का विशेष ख्याल रखा गया। उनसे लगातार संपर्क में रहे। जब शोरूम बंद था, तब भी हमने ग्राहकों से ऑनलाइन संपर्क जारी रखा, ताकि हमारे बीच की आत्मीयता बनी रहे। ऐसा इसलिए भी किया गया कि इसका फल हमें ग्राहकों के प्यार के रूप में मिले, जो किसी भी कारोबार की जान है। इससे ऑनलाइन ग्राहकों की संख्या भी बढ़ी और शोरूम खुलते ही ग्राहक भी आने लगे।