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    चावल की खेती में इस्तेमाल आने वाली कुछ जरूरी मशीनें, जानें कैसे बढ़ा रहीं मुनाफा

    By Ashish DeepEdited By:
    Updated: Fri, 02 Jul 2021 07:00 PM (IST)

    वैज्ञानिक और आधुनिक तरीके से बिजनेस को बढ़ावा देना हमेशा से ही फायदेमंद रहा है। किसान भी यह बात अच्छी तरह से समझते हैं इसलिए अपनी खेती में उन्होंने मशीनों का इस्तेमाल करना शुरू भी कर दिया है।

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    इससे उनका समय तो बचता ही है, साथ ही फसल कम खराब होती है।

    नई दिल्‍ली। वैज्ञानिक और आधुनिक तरीके से बिजनेस को बढ़ावा देना हमेशा से ही फायदेमंद रहा है। किसान भी यह बात अच्छी तरह से समझते हैं, इसलिए अपनी खेती में उन्होंने मशीनों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इससे उनका समय तो बचता ही है, साथ ही फसल कम खराब होती है और मुनाफा भी बढ़ता है। आज देखें तो किसान धान की खेती को लाभदायक बनाने के लिए मशीनीकृत खेती को अपना रहे हैं। दरअसल, धान के किसानों को खेती की बढ़ी हुई लागत और श्रम की कमी के साथ उत्पादन व आय बढ़ाने के लिए हमेशा ही चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। जलवायु परिवर्तन की उभरती चुनौतियों और घटती खेती योग्य भूमि के साथ स्थिति और भी गंभीर होने की उम्मीद है। ऐसे में कृषि उत्पादकता को बढ़ाने और उसे और लाभप्रद बनाने के लिए कृषि यंत्रीकरण ही एकमात्र विकल्प है। आइए जानते हैं कि धान की खेती करने के लिए मुख्य रूप से किस तरह की मशीनों की जरूरत होती है।

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    जमीन को तैयार करने के लिए मशीनें

    इसमें किसान मृदा को रोपण के लिए तैयार करते हैं और इसके लिए विभिन्न उपकरणों की मदद ली जाती है। पहले रोपण पारंपरिक रूप से बैल के साथ हल बांधकर किया जाता था। वैसे आज भी देश के कई हिस्सों में यह तरीका अपनाया जा रहा है। हालांकि खेत की जुताई के लिए आज अलग-अलग तरह के टिलेज मशीनें इस्तेमाल में लिए जा रहे हैं। इसे ट्रैक्टर के साथ बांधकर खेत को जोता जा रहा है। टिलेज अच्छी तरह से काम करे, इसके लिए ट्रैक्टर का दमदार और पावरफुल होना बहुत ही जरूरी है। Mahindra का 475 DI XP Plus इस मामले में एक बहुत ही अच्छा ट्रैक्टर है। इसके अलावा भूमि को समतल करने के लिए ट्रैक्टर की मदद से लेजर लैंड लेवलिंग सिस्टम को भी इस्तेमाल में लिया जा रहा है।

    धान को बोने वाली मशीनें

    जमीन तैयार होने के बाद धान को रोपने के लिए भी मशीनों का उपयोग किया जाता है। यह हाथ से भी की जाती हैं और मशीनों के साथ भी। आज बाजार में कई तरह के राइस ट्रांसप्लांटर मौजूद है। पावर टिलर मिट्टी को तैयार करने, धान को बोने, उर्वरकों का छिड़काव करने में मदद करता है। इसके अलावा धान को बोने के लिए सेल्फ प्रोपेल्ड राइस ट्रांसप्लांटर का भी इस्तेमाल किया जाता है। यह धान की पौध को गीली मिट्टी में रोपने के लिए उपयुक्त है।

    धान की हार्वेस्टिंग

    धान की कटाई (हार्वेस्टिंग) का पारंपरिक उपकरण दरांती है, जिसमें लकड़ी के छोटे हैंडल पर घुमावदार ब्लेड सेट होता है। आज भी देश के कई हिस्सों में इसका इस्तेमाल होता है। चावल की कटाई के लिए आधुनिक उपकरणों में कंबाइन हार्वेस्टर शामिल है। कंबाइन हार्वेस्टर सबसे उन्नत कृषि मशीनरी में से एक है, जो न केवल कड़ी मेहनत को कम करता है, बल्कि समय को भी बचाता है। यह मशीन फसल की कटाई के साथ चावल को साफ और थ्रेश भी करता है। कंबाइन हार्वेस्टर अनाज से खरपतवारों को प्रभावी ढंग से अलग करके स्वच्छ अनाज प्रदान करता है।

    चावल की थ्रेशिंग

    थ्रेशिंग चावल की खेती में सबसे अधिक यंत्रीकृत कार्यों में से एक है। देश में बड़े पैमाने पर पशुओं से चलने वाले खेतों में बैलों से थ्रेसिंग की जाती है, लेकिन इसमें समय भी लगता है और इसमें कड़ी मेहनत भी शामिल है। थ्रेशिंग मशीन चावल को आसानी से थ्रेस करता है, यानी यह डंठल और भूसी से बीज निकालता है। इसका इस्तेमाल कई राज्यों के किसानों द्वारा किया जा रहा है।

    चावल की खेती के लिए मशीनों का इस्तेमाल करके किसान खेत को अगली फसल के लिए कम समय में आसानी से तैयार कर सकते हैं। कटाई से लेकर बुआई तक की कुल लागत को बचाया जा सकता है। साथ ही, मशीने मानव श्रम पर निर्भरता को भी कम करती हैं।

    (यह आर्टिकल ब्रांड डेस्‍क द्वारा लिखा गया है।)