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    Phone Tapping: अपने खिलाफ दर्ज एफआइआर के खिलाफ आइपीएस अफसर रश्मि पहंचीं हाई कोर्ट

    Phone Tapping मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने गोपनीय डेटा लीक मामले में आइपीएस अफसर रश्मि शुक्ला के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। रश्मि जब कमिश्नर आफ इंटेलीजेंस थी तब उन्होंने ही फोन टैपिंग के जरिये तबादला पोस्टिंग रैकेट का पर्दाफाश किया था।

    By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Mon, 03 May 2021 07:28 PM (IST)
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    अपने खिलाफ दर्ज एफआइआर के खिलाफ आइपीएस अफसर रश्मि पहंचीं हाई कोर्ट। फाइल फोटो

    मुंबई, प्रेट्र। Phone Tapping: फोन ट्रैपिंग मामले में मुंबई पुलिस द्वारा आरोपित बनाई गइ्र्र वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला ने बांबे हाई कोर्ट की शरण ली है। याचिका में उन्होंने इस मामले में अपने खिलाफ कार्रवाई न करने की मांग की है। शुक्ला के वकील समीर नांगरे ने 1988 बैच की आइपीएस अफसर के मामले की तुरंत सुनवाई की मांग करते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है। दायर याचिका में उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने उनके खिलाफ फर्जी मामला बनाया है। गौरतलब है कि मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने गोपनीय डेटा लीक मामले में उनके खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। रश्मि जब कमिश्नर आफ इंटेलीजेंस थी, तब उन्होंने ही फोन टैपिंग के जरिये तबादला पोस्टिंग रैकेट का पर्दाफाश किया था। उनके खिलाफ दस्तावेजों को लीक करने का मामला दर्ज किया गया है।

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    साइबर सेल ने फोन टैपिंग मामले में बयान दर्ज कराने के लिए आइपीएस अधिकारी को पिछले माह दोबारा तलब किया था। लेकिन कोरोना महामारी का हवाला देते हुए वह बयान दर्ज कराने नहीं पहुंची थीं। वह अभी हैदराबाद में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की अतिरिक्त महानिदेशक के तौर पर तैनात हैं। गौरतलब है कि फोन टैपिंग मामले में मुख्य सचिव सीताराम कुंटे द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने इस मामले में एफआइआर दर्ज कर ली है। सूत्रों के अनुसार, यह एफआइआर कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री को सौंपी गई इस रिपोर्ट में सीताराम कुंटे ने संकेत किया है कि यदि यह साबित हो जाए कि महाराष्ट्र की पूर्व इंटेलीजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला ने अति गोपनीय जानकारियां लीक की हैं, तो उन पर सख्त कार्रवाई हो सकती है। इसी क्रम में साइबर सेल ने एफआइआर दर्ज कर ली है। मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने बहुत कम समय में यह जांच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निर्देश पर पूरी की थी।