Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Mukesh Ambani Bomb Scare Case: स्कॉर्पियो मालिक मनसुख की मौत से API सचिन वझे पर उठी उंगलियां, पुराना है विवादों से नाता

    By Babita KashyapEdited By:
    Updated: Sat, 06 Mar 2021 01:32 PM (IST)

    Mukesh Ambani Bomb scare Caseदेश के उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के निकट मिली विस्फोटक लदी स्कार्पियो कि मालिक मनसुख हिरेन की मौत के बाद API सचिन वझे पर भी उंगलियां उठने लगी है। बता दें कि सचिन वझे इससे पहले भी कई बार विवादों में घिरते रहे हैं।

    Hero Image
    मुंबई पुलिस के सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वझे पर भी उंगलियां उठने लगी है।

    मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के निकट मिली विस्फोटक लदी स्कार्पियो के कथित मालिक मनसुख हिरेन की मौत के बाद मुंबई पुलिस के सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वझे पर भी उंगलियां उठने लगी है। महाराष्ट्र के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने आरोप लगाया है कि अंबानी के घर के निकट जिलेटिन वाली कार मिलने के बाद स्थानीय पुलिस से पहले ही सचिन वझे वहां कैसे पहुंच गए थे। कार से धमकी भरा पत्र भी उन्होंने ही बरामद किया है। वह मनसुख से जून-जुलाई 2020 से ही संपर्क में थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पहले भी कई विवादों में घिरे रहे हैं सचिन वझे

    सचिन वझे इससे पहले भी कई बार विवादों में घिरते रहे हैं। 49 वर्षीय सचिन वझे पद में भले सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) हों, लेकिन उनका प्रोफाइल काफी चर्चित रहा है। फिलहाल वह मुंबई पुलिस में क्राइम ब्रांच–सीआईडी की क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट (सीआईयू) से जुड़े रहे हैं। इस समय वह टीआरपी रिगिंग स्कैम, अन्वय नाईक आत्महत्या मामला, स्पोर्ट्स कार स्कैम एवं बालीवुड-टीवी इंडस्ट्री का कास्टिंग काउच रैकेट जैसे मामलों की जांच कर रहे हैं। कुछ ही माह पहले पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के समय भी उनका नाम सुर्खियों में रहा था। वझे तकनीक के भी अच्छे जानकार हैं, और उन्हें पता है कि क्राइम डिटेक्शन में नई तकनीक का इस्तेमाल कैसे किया जाए। शायद यही कारण है कि साइबर क्राइम एवं वित्तीय घोटालों सहित अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड घोटाले जैसा मामला उन्होंने सुलझाया है।

    पुलिस की नौकरी से दिया था इस्तीफा दे

    1990 में महाराष्ट्र पुलिस की नौकरी में आने के बाद सब इंस्पेक्टर के रूप में उन्हें शुरुआती पोस्टिंग नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली क्षेत्र में मिली थी। मुंबई में पोस्टिंग मिलने के बाद उनकी ख्याति एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस अधिकारी के रूप में हुई, और उन्होंने दाऊद एवं छोटा राजन गिरोह के कई सदस्यों को खत्म किया। लेकिन जब एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस अधिकारियों के बुरे दिन शुरू हुए तो पुलिस हिरासत में हुई ख्वाजा यूनुस की मौत के मामले में तीन मार्च, 2014 को उन्हें 14 अन्य पुलिसकर्मियों के साथ निलंबित कर दिया गया। यूनुस दो दिसंबर, 2002 को घाटकोपर में हुए बम विस्फोट कांड का एक आरोपी था। महाराष्ट्र सरकार द्वारा अपनी बहाली का आवेदन ठुकराए जाने के बाद उन्होंने 30 नवंबर, 2007 को पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था।

    कोविड-19 के दौरान हुआ निलंबन रद

    कोविड-19 के दौरान पुलिस फोर्स की कमी के संकट को देखते हुए मुंबई पुलिस ने न सिर्फ उनका निलंबन रद कर दिया, बल्कि उनकी नौकरी भी बहाल हो गई। छह जून, 2020 को उनके पुलिस की नौकरी में वापस आने के बाद ख्वाजा यूनुस की मां आसिया बेगम ने इन निर्णय के लिए मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह एवं तत्कालीन अतिरिक्त गृह सचिव अमिताभ गुप्ता के विरुद्ध मुंबई पुलिस में याचिका दायर की है। अब मुकेश अंबानी के घऱ के निकट मिली कार के मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध मौत के बाद सचिन वझे एक बार फिर चर्चा में हैं। महाराष्ट्र के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने उन पर कई सवाल उठाए हैं। अब सचिन वझे एक बार फिर बचाव की मुद्रा में हैं। उनका कहना है कि वह मनसुख हिरेन को इसलिए जानते हैं, क्योंकि हम दोनों ठाणे में रहते हैं। हाल के दिनों में मनसुख से मेरी कोई मुलाकात नहीं हुई है और मुकेश अंबानी के घर के बाहर संदिग्ध कार मिलने के बाद उस स्थान पर मुझसे पहले गांवदेवी पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर, ट्रैफिक पुलिस, जोन-दो के डीसीपी एवं बम निरोधक दस्ता पहुंच चुका था।

    comedy show banner
    comedy show banner