'संघ का मिशन हिंदू समाज को अपनत्व की भावना से बांधना', मोहन भागवत बोले- इंसान को स्नेह और करुणा दिखानी चाहिए
मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि संघ का मिशन यह सुनिश्चित करना है कि पूरा हिंदू समाज अपनत्व और स्नेह की भावना के धागे से बंधा रहे। उन्होंने कहा जानवरों के विपरीत मनुष्य में बुद्धि होती है। बुद्धि का उपयोग बुद्धिमानी से करने पर वह और भी बेहतर बन सकता है लेकिन उसी बुद्धि का गलत तरीके से उपयोग करने पर वह और भी बुरा बन सकता है।
पीटीआई, पुणे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि संघ का मिशन यह सुनिश्चित करना है कि पूरा हिंदू समाज अपनत्व और स्नेह की भावना के धागे से बंधा रहे।
जानवरों के विपरीत, मनुष्य में बुद्धि होती है- भागवत
भागवत यहां प्रसिद्ध आयुर्वेद चिकित्सक दिवगंत पीवाई खादीवाले की जीवनी के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, जानवरों के विपरीत, मनुष्य में बुद्धि होती है। बुद्धि का उपयोग बुद्धिमानी से करने पर वह और भी बेहतर बन सकता है, लेकिन उसी बुद्धि का गलत तरीके से उपयोग करने पर वह और भी बुरा बन सकता है। उसे बुरा बनने से केवल स्नेह और अपनत्व की भावना ही रोकती है।
भागवत ने कहा कि ऐसे उदाहरण हैं जब लोग स्वार्थी हो जाते हैं तो बुराई की ओर झुक जाते हैं। दूसरी ओर, यदि कोई व्यक्ति स्नेह और करुणा की ओर झुकता है, तो वह ईश्वरीय रूप प्राप्त करता है और खादीवाले की जीवन यात्रा इसका एक उदाहरण है।
हिंदू समाज अपनत्व और स्नेह की भावना से बंधा रहे
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि संघ समाज को अपनेपन, स्नेह और करुणा की भावना की याद दिलाने की दिशा में भी काम करता है, जिसे वर्तमान में भुलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, संघ व्यक्ति को सिखाता है कि अगर कोई आपके प्रति अपनेपन की भावना दिखा रहा है, तो आपको भी वैसा ही स्नेह और करुणा दिखानी चाहिए। संघ का काम यह देखना है कि पूरा हिंदू समाज अपनत्व और स्नेह की भावना से बंधा रहे।
जब लोग स्वार्थी हो जाते हैं तो बुराई की ओर झुक जाते हैं
संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदू समुदाय ने पूरे विश्व को अपनेपन की भावना से बांधने का काम भी अपने ऊपर ले लिया है। अंग्रेजी में गिविंग बैंक शब्द हाल ही में प्रचलन में आया है, लेकिन भारत में यह भावना लंबे समय से मौजूद है।
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