गोधरा ट्रेन नरसंहार का दोषी गैंग बनाकर करता था चोरी, पुणे पुलिस ने किया गिरफ्तार; पैरोल के बाद हुआ था फरार
Godhra Train Carnage Case 2002 के गोधरा ट्रेन नरसंहार मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए 55 वर्षीय एक दोषी को महाराष्ट्र के पुणे जिले में चोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। वह पैरोल की अवधि समाप्त होने के बाद फरार हो गया था। पुलिस ने बताया कि पुणे ग्रामीण पुलिस ने 22 जनवरी को सलीम जर्दा को गिरफ्तार किया था।

पीटीआई, पुणे। 2002 के गोधरा ट्रेन नरसंहार मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए 55 वर्षीय एक दोषी को महाराष्ट्र के पुणे जिले में चोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। वह पैरोल की अवधि समाप्त होने के बाद फरार हो गया था।
पुलिस ने बताया कि पुणे ग्रामीण पुलिस ने 22 जनवरी को सलीम जर्दा को गिरफ्तार किया था। सलीम जर्दा उन 31 लोगों में शामिल था जिन्हें गोधरा ट्रेन नरसंहार मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
जर्दा 17 सितंबर, 2024 को सात दिन की पैरोल पर गुजरात की एक जेल से बाहर आया और बाद में फरार हो गया।
अलेफाटा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर दिनेश तायडे ने बताया, 22 जनवरी को हमने उसे और उसके गिरोह के सदस्यों को चोरी के एक मामले में गिरफ्तार किया, जो पुणे के ग्रामीण इलाकों में चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे। जांच के दौरान गोधरा ट्रेन हत्याकांड से उसके संबंध का पता चला था।
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान जर्दा द्वारा कथित तौर पर की गई चोरी के तीन मामले प्रकाश में आए।
अधिकारी ने बताया, वह अपने गिरोह के साथ गुजरात के गोधरा से पुणे जिले में आता था और चोरी की वारदातों को अंजाम देता था।
जर्दा और अन्य को 27 फरवरी, 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगाने के आरोप में दोषी ठहराया गया था, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी।
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