पुणे पोर्श कांड का आरोपी डॉक्टर अब किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट में फंसा, 2022 से जुड़ा है मामला; क्या है पूरा केस
पुणे के ससून जनरल अस्पताल के पूर्व मेडिकल अधीक्षक डॉ. अजय तावरे को किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट मामले में पुलिस ने हिरासत में लिया है। यह मामला 2022 का है और रूबी हॉल क्लिनिक से जुड़ा है। तावरे पर गलत तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट को मंजूरी देने का आरोप है। इस मामले में क्लिनिक के ट्रस्टी और कई कर्मचारियों समेत 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
पीटीआई, पुणे। पुणे पोर्श कांड में सजा काट रहे ससून जनरल अस्पताल (Sassoon General Hospital) के पूर्व मेडिकल अधीक्षक डॉ. अजय तावरे के ऊपर अब नया आरोप लगा है। पुलिस ने उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट के सिलसिले में हिरासत में लिया है। ये मामला 2022 का है और प्राइवेट अस्पताल रूबी हॉल क्लिनिक से जुड़ा है।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) निखिल पिंगले ने इसकी जानकारी दी है। निखिल पिंगले ने कहा, हमने किडनी रैकेट मामले में डॉ. अजय तावरे को हिरासत में ले लिया और उन्हें आज अदालत में पेश किया जाएगा।
15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
2022 में तावरे किडनी ट्रांसप्लांट को मंजूरी देने वाली क्षेत्रीय प्राधिकरण समिति के प्रमुख थे। बता दें कि इस दौरान रुबी हॉल क्लिनिक में गलत तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था, जांच में उनका नाम सामने आया। इस मामले में पुलिस ने रुबी हॉल क्लिनिक के ट्रस्टी और कई कर्मचारियों समेत 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
क्या था पूरा मामला?
जांच में सामने आया कि कोल्हापुर की एक महिला, जिसे कथित तौर पर 15 लाख रुपये देने का वादा किया गया था ने मरीज की झूठी पत्नी बनकर किडनी डोनेट की थी , जिसे ट्रांसप्लांट की जरूरत थी और उसने 2022 में एक युवा महिला मरीज को अपनी किडनी दान कर दी। बदले में, युवती की मां ने उस व्यक्ति को अपनी किडनी दान कर दी।
दो मरीजों और उनके रिश्तेदारों के बीच ऐसी अदला-बदली तब की जाती है, जब मरीज को ब्लड सैंपल के बेमेल होने के कारण अपने रिश्तेदारों से किडनी नहीं मिल पाती।
पोर्श कांड में हुई थी गिरफ्तारी
पिछले साल अजय तावरे को कार से मोटरसाइकिल को टक्कर मारने और दो लोगों की हत्या करने के आरोपी के खून के नमूनों के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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