Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Pune Porsche car crash: आरोपी किशोर को जमानत देने वाले JJB के सदस्यों पर गिरी गाज, महाराष्ट्र सरकार ने किया बर्खास्त

    By Agency Edited By: Sachin Pandey
    Updated: Thu, 10 Oct 2024 09:18 PM (IST)

    Pune Porsche car crash पुणे पोर्श कार दुर्घटना मामले में किशोर न्याय बोर्ड द्वारा आरोपी किशोर को केवल निबंध लिखवाकर जमानत दिए जाने के बाद देशभर में इसका विरोध हुआ था। मामला बढ़ता देख महाराष्ट्र सरकार ने मामले की जांच के लिए एक पैनल का गठन किया था। अब पैनल के सिफारिश के आधार पर बोर्ड के दो सदस्यों की सेवा समाप्त करने का फैसला लिया गया है।

    Hero Image
    जेजेबी ने आरोपी किशोर को आसान शर्तों में जमानत दे दी थी।

    पीटीआई, पुणे। पुणे के हाई प्रोफाइल पोर्श कार दुर्घटना मामले में महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। सरकार ने जांच पैनल की सिफारिश पर पुणे पोर्श दुर्घटना के नाबालिग आरोपी को जमानत देने के मामले में किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) के दो सदस्यों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राज्य महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग के एक जांच पैनल ने मानदंडों का अनुपालन न करने के लिए दो सदस्यों एलएन दानवाड़े और कविता थोराट के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी। डब्ल्यूसीडी के आयुक्त प्रशांत नारनवरे ने बताया कि उन्होंने राज्य सरकार को जांच पैनल की रिपोर्ट सौंपी थी।

    उन्होंने सिफारिश की थी कि दोनों सदस्यों की सेवाएं समाप्त कर दी जानी चाहिए। राज्य सरकार ने दोनों सदस्यों की नियुक्ति समाप्त कर दी, क्योंकि उन्हें किशोर न्याय अधिनियम के तहत प्रदान की गई अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का दोषी पाया गया है।

    (आरोपी ने 19 मई की रात शराब पीकर तेज रफ्तार से गाड़ी चलाई थी और दो लोगों को रौंदा था।)

    क्या है पूरी घटना?

    गौरतलब है कि विगत 19 मई को पुणे के कल्याणी नगर इलाके में पोर्श कार से टक्कर लगने के बाद दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी। आरोप है कि इस कार को नशे की हालत में 17 वर्षीय लड़का चला रहा था।

    नरम शर्तों पर दे दी थी जमानत

    इस मामले ने तब राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी थी, जब जेजेबी सदस्य दानवाड़े ने आरोपित बिल्डर के बेटे को बहुत ही नरम शर्तों पर जमानत दे दी थी। इसमें सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखना भी शामिल था। बाद में इस जमानत के संबंध में जेजेबी के दो सदस्यों के आचरण की जांच के लिए डब्ल्यूसीडी विभाग द्वारा एक समिति का गठन किया गया था।

    (जेजेबी ने किशोर को सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का कहकर जमानत दे दी थी। (File Image))

    सोशल मीडिया में हुई थी आलोचना

    आरोपी किशोर को केवल निबंध लिखवाकर जमानत देने के फैसले की देशभर में आलोचना हुई थी। सोशल मीडिया में लोगों ने इस फैसले के खिलाफ मुहिम चलाई थी और न्याय बोर्ड की काफी आलोचना की थी। मामले में किशोर को बालिग मानकर मुकदमा चलाने की भी मांग की गई थी।

    पुलिस ने फाइल की सप्लीमेंट्री फाइन रिपोर्ट

    इधर, पुणे पुलिस ने हाल ही में मामले में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने सप्लीमेंट्री फाइनल रिपोर्ट जमा की थी, जिसमें पुलिस ने आरोपी के खिलाफ और भी कई धाराएं जोड़ी थीं। पुलिस ने सबूत नष्ट करने, जालसाजी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया है।