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    Pune Porsche Accident: पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ जांच के लिए किशोर न्याय बोर्ड से मांगी अनुमति, आरोपी को निबंध लिखने की सजा देकर छोड़ा था

    Updated: Fri, 31 May 2024 03:40 PM (IST)

    पुणे पुलिस ने ‘पोर्श’ कार हादसे में कथित रूप से शामिल नाबालिग के खिलाफ जांच की अनुमति लेने के लिए किशोर न्याय बोर्ड को पत्र लिखा है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को पोर्श कार के 17 वर्षीय चालक ने मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कथित रूप से टक्कर मार दी थी जिससे दोनों की मौत हो गई थी।

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    पुलिस ने मामले में नाबालिग के खिलाफ जांच की अनुमति लेने के लिए किशोर न्याय बोर्ड को पत्र लिखा है।

    पीटीआई, पुणे। पुणे पुलिस ने ‘पोर्श’ कार हादसे में कथित रूप से शामिल नाबालिग के खिलाफ जांच की अनुमति लेने के लिए किशोर न्याय बोर्ड को पत्र लिखा है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को पोर्श कार के 17 वर्षीय चालक ने मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कथित रूप से टक्कर मार दी थी, जिससे दोनों की मौत हो गई थी। पुलिस ने दावा किया कि आरोपी नशे की हालत में कार चला रहा था।

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    अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) शैलेश बलकवडे ने कहा, ‘‘हमने जे जे बोर्ड को पत्र लिखकर नाबालिग के खिलाफ जांच करने की अनुमति मांगी है।’’ किशोर न्याय (जेजे) बोर्ड ने दुर्घटना के कुछ घंटों बाद बिल्डर विशाल अग्रवाल के बेटे एवं मामले में आरोपी किशोर को जमानत दे दी थी और उसे सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने को कहा था। भारी आलोचना के बीच पुलिस ने किशोर न्याय बोर्ड में पुनरीक्षण याचिका दायर की जिसके बाद बोर्ड ने आदेश में संशोधन करते हुए आरोपी को पांच जून तक हिरासत केंद्र में भेज दिया।

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    नाबालिग के पिता और दादा को उनके परिवार के वाहन चालक को गलत तरीके से बंधक बनाने, उसे नकदी एवं उपहारों का लालच देने तथा दुर्घटना का दोष अपने ऊपर लेने के लिए धमकाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

    पुलिस ने किशोर के रक्त के नमूनों को किसी और के नमूनों से बदलने के आरोप में यहां ससून सर्वोपचार रुग्णालय के दो चिकित्सकों और एक कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया है।

    इससे पहले, जेजेबी ने 19 मई की दुर्घटना के कुछ घंटों बाद रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के बेटे किशोर को जमानत दे दी और उसे सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने को कहा था। इस मामले में भारी आलोचना के बीच, पुलिस ने फिर से जेजेबी से संपर्क किया, जिसने आदेश को संशोधित किया और उसे 5 जून तक अवलोकन गृह में भेज दिया।

    जेजे बोर्ड के एक सदस्य द्वारा किशोर को जमानत दिए जाने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने जेजेबी सदस्यों के आचरण की जांच करने और यह जांचने के लिए एक समिति गठित की थी, कि पुणे कार दुर्घटना मामले में आदेश जारी करते समय मानदंडों का पालन किया गया था या नहीं।

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    महिला एवं बाल विकास विभाग के आयुक्त प्रशांत नारनवरे ने कहा, "एक डिप्टी कमिश्नर की अध्यक्षता वाली समिति वर्तमान में जांच कर रही है और अगले सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।" उन्होंने कहा कि जेजेबी में न्यायपालिका से एक सदस्य और राज्य सरकार द्वारा नियुक्त दो व्यक्ति शामिल हैं और वर्तमान जांच राज्य द्वारा नियुक्त सदस्यों के आचरण की जांच के लिए स्थापित की गई है। नाबालिग के पिता और दादा को उनके परिवार के ड्राइवर को गलत तरीके से बंधक बनाने, उसे नकदी और उपहारों का लालच देने और बाद में दुर्घटना का दोष अपने ऊपर लेने की धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

    पुलिस ने यहां सासून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों और एक कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया है, जिन पर किशोर के रक्त के नमूनों में हेराफेरी करने का आरोप है, ताकि यह दिखाया जा सके कि दुर्घटना के समय वह नशे में नहीं था।

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