Maharashtra Politics: 'पीएम मोदी परेशान हैं क्योंकि...', शरद पवार ने बताया अंबानी और अदाणी किसके दोस्त?
Mumbai Politics हाल ही में एक अखबार को दिए साक्षात्कार में पवार ने कहा था कि अगले कुछ सालों में कई क्षेत्रीय पार्टियां कांग्रेस के और करीब आएंगी या उसमें विलय कर लेंगी। इस पर उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी राकांपा का ही उदाहरण ले लें। स्थापना से लेकर आज तक राकांपा और कांग्रेस एक साथ काम कर रही है।
पीटीआई, पुणे। राकांपा (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के पहले तीन चरणों के मतदान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को परेशान कर दिया है। उन्होंने अपने भाषणों में खुलेआम मुस्लिम समुदाय का जिक्र करना शुरू कर दिया है। वह महाराष्ट्र के सतारा में मीडिया से बात कर रहे थे। तीन चरणों के चुनाव संपन्न होने के बाद उनके आकलन के बारे में पूछे जाने पर कहा कि ऐसा लगता है कि इन तीनों चरणों का मतदान पीएम मोदी को परेशान करने वाला है।
ऐसा कहने का कारण यह है कि इन चरणों के बाद पीएम मोदी ने अपना सुर बदल लिया है। उन्हें लगता है कि सांप्रदायिक बातें करने से स्थिति बदल जाएगी। अपनी पार्टी के कांग्रेस में संभावित विलय के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि उन्होंने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की।
'हमारी पार्टी राकांपा का ही उदाहरण ले लें...'
हाल ही में एक अखबार को दिए साक्षात्कार में पवार ने कहा था कि अगले कुछ सालों में कई क्षेत्रीय पार्टियां कांग्रेस के और करीब आएंगी या उसमें विलय कर लेंगी। इस पर उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी राकांपा का ही उदाहरण ले लें। स्थापना से लेकर आज तक राकांपा और कांग्रेस एक साथ काम कर रही है।
'दोनों पार्टियों की विचारधारा एक'
दोनों पार्टियों की विचारधारा एक है। इसलिए, कांग्रेस के समान विचारधारा वाली पार्टियों का निकट आना आश्चर्य की बात नहीं होगी। पीएम मोदी के इस दावे पर कि कांग्रेस को अंबानी और अडानी से पैसा मिलता है, पवार ने कहा कि देश में यह चर्चा का विषय रहता था कि अंबानी और अदाणी किसके दोस्त हैं। लेकिन, जिनके खिलाफ ये बातें चल रही थीं वही लोग अब कांग्रेस पर दोष मढ़ रहे हैं।
'पीएम को मदद की सख्त जरूरत'
मनसे प्रमुख राज ठाकरे और पीएम मोदी की इस महीने के अंत में मुंबई में होने वाली संयुक्त चुनावी रैली के बारे में पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि मोदी का ठाकरे के साथ जाना दिखाता है कि पीएम को किस तरह मदद की सख्त जरूरत है।
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