महाराष्ट्र में तेजी से बढ़ रहे गुलियन-बैरे सिंड्रोम के मरीज, एक शख्स की मौत; जानिए क्या है GBS के लक्षण
महाराष्ट्र के पुणे में गुलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस बीमारी के कारण एक शख्स की मौत हो चुकी है। जानकारी के अनुसार 101 संदिग्ध मरीजों में से 73 में जीबीएस का पता चला है। जीबीएस के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। इस बीच बीच केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र में विशेषज्ञों की सात सदस्यीय टीम तैनात की है।

एजेंसी, पुणे। महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में गुलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। इस बीच पुणे में जीबीएस मरीजों की संख्या 101 हो गई है। इनमें से 16 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।
केंद्र ने महाराष्ट्र में विशेषज्ञों की सात सदस्यीय टीम तैनात की है। एएनआई के अनुसार महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबितकर ने बताया कि 101 संदिग्ध मरीजों में से 73 में जीबीएस का पता चला है। एक मौत हुई है।
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि सोलापुर निवासी 40 वर्षीय व्यक्ति पुणे आया था। संदेह है कि वह पुणे में ही जीबीएस से संक्रमित हुआ।
क्या बोले चिकित्सक?
सोलापुर मेडिकल कालेज के डीन डॉ. संजीव ठाकुर ने कहा कि सांस फूलना, कमजोरी जैसे लक्षणों से पीड़ित मरीज को सोलापुर में 18 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर था।
रविवार को उसकी मृत्यु हुई। प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार वह जीबीएस संक्रमित था। रक्त के नमूने जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी भेजे गए हैं।
क्या है गुलियन-बैरे सिंड्रोम?
गुलियन-बैरे सिंड्रोम न्यूरोलाजिकल ऑटोइम्यून बीमारी है। इसमें नसें और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। आमतौर पर जीबीएस बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण से होता है क्योंकि रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है।
जानकार बताते हैं कि ये लाखों में किसी एक को होती है। हालांकि, लगातार इस बीमारी के मामले सामने आने से डॉक्टर भी हैरान हो गए हैं।
जीबीएस के लक्षण?
कुछ जानकारों का कहना है कि बीमारी की शुरुआत में अधिकांश मामलों में हाथ और पैर सुन्न हो सकते हैं। कई बार इस बीमारी से संक्रमित मरीज के हाथ और पैर में झुनझुनी भी हो सकती है। हालांकि, कुछ मामलों में हार्ट बीट अचानक बढ़ जाती है और बुखार भी देखने को मिलता है। कुछ लोगों को सांस लेने में भी परेशानी आने लगती है।
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