पुणे फिल्म संस्थान के परिसर में दिखाई गई बीबीसी की विवादित डॉक्युमेंट्री, कुलसचिव कराएंगे मामले की जांच
केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह ट्विटर और यूट्यूब को इस डॉक्युमेंट्री के लिंक को ब्लाक करने का निर्देश दिया था। विदेश मंत्रालय ने इसे दुष्प्रचार सामग्री करार देते हुए कहा था कि इसमें तटस्थता की कमी है और औपनिवेशिक मानसिकता झलकती है। File Photo
पुणे, पीटीआई। पुणे फिल्म संस्थान (एफटीआईआई) छात्र संघ ने यहां के परिसर में बीबीसी की विवादित डॉक्युमेंट्री का प्रदर्शन किया। यह जानकारी छात्र संघ ने शनिवार को दी। एफटीआईआई स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने जारी अपने बयान में कहा है कि 26 जनवरी को बीबीसी की प्रतिबंधित डाक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' का हमने एफटीआइआइ में प्रदर्शन किया।
इस मामले में एफटीआईआई के रजिस्टार सईद रबीहाशमी ने कहा है कि छात्रों के एक समूह द्वारा डॉक्युमेंट्री को दिखाए जाने की सूचना मिली है। इस मामले की जांच की जाएगी। पिछले कुछ दिनों में दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और आंबेडकर विश्वविद्यालय सहित कई शिक्षण संस्थानों में इस विवादास्पद डाक्यूमेंट्री को दिखाए जाने के प्रयास किये गये हैं। केरल में गुरुवार को कांग्रेस ने इस डाक्यूमेंट्री को दिखाया था।
केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह ट्विटर और यूट्यूब को इस डॉक्युमेंट्री के लिंक को ब्लाक करने का निर्देश दिया था। विदेश मंत्रालय ने इसे दुष्प्रचार सामग्री करार देते हुए कहा था कि इसमें तटस्थता की कमी है और औपनिवेशिक मानसिकता झलकती है। यह विवादित वृत्तचित्र गोधरा दंगों पर आधारित हैं।
टीआईएसएस छात्रों ने रद्द की स्क्रीनिंग
टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंस (टीआईएसएस) के प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स फोरम ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं के कड़े विरोध के बाद शनिवार शाम को बीबीसी की विवादास्पद डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को रद कर दिया। एक छात्र नेता ने कहा कि टीआइएसएस प्रबंधन और मुंबई पुलिस के दबाव के चलते प्रोजेक्टर को कार्यक्रम स्थल पर नहीं ले जाया जा सका। डाक्यूमेंट्री को सभी छात्रों को भेज दिया गया है। वे इसे अपने मोबाइल, लैपटाप पर देख रहे हैं।