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दत्तात्रेय होसबोले फिर बने RSS के सरकार्यवाह, साल 2027 तक निभाएंगे ये जिम्मेदारी

आरएसएस की वार्षिक तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में दत्तात्रेय होसबोले को एक बार फिर सर कार्यवाह (महासचिव) नियुक्त किया गया है। उन्हें 2024 से 2027 की अवधि के लिए इस पद पर फिर से चुना गया है। यह बैठक छह साल बाद आरएसएस के मुख्यालय नागपुर में हुई। बैठक में आरएसएस से जुड़े विभिन्न संगठनों के 1500 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Published: Sun, 17 Mar 2024 02:02 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2024 04:03 PM (IST)
दत्तात्रेय होसबोले को फिर आरएसएस का सर कार्यवाह (महासचिव) नियुक्त किया गया। (फोटो सोर्स: जागरण)

पीटीआई, नागपुर। दत्तात्रेय होसबोले (Dattatreya Hosabale) को एक बार फिर आरएसएस का सर कार्यवाह (महासचिव) नियुक्त किया गया है । वो संघ की मार्गदर्शक की भूमिका में रहेंगे। उन्हें 2024 से 2027 की अवधि के लिए इस पद पर फिर से चुना गया है। होसबोले साल 2021 से ही इस पद पर बने हुए हैं।

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'अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा' में लिया गया फैसला

आरएसएस की वार्षिक तीन दिवसीय 'अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा' ​​शुक्रवार को नागपुर के रेशिमबाग के स्मृति भवन परिसर में शुरू हुई थी। यह बैठक छह साल बाद आरएसएस के मुख्यालय नागपुर में हुई। बैठक में आरएसएस से जुड़े विभिन्न संगठनों के 1,500 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

समाज में संघ का प्रभाव बढ़ रहा: दत्तात्रेय होसबोले

दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि संघ लोगों के दिलों में उतर रहा है और समाज में संघ का प्रभाव भी बढ़ रहा है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 'अक्षत वितरण' के दौरान देशभर में जिस तरह से लोगों ने हमारा स्वागत किया, उससे पता चलता है कि देश का वातावरण कैसा है। राम मंदिर भारत की सभ्यता और संस्कृति का प्रतीक है। श्रीराम देश की सभ्यतागत पहचान हैं।

वहीं, चुनावी बॉन्ड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आरएसएस ने इस विषय (चुनावी बॉन्ड) के बारे में कुछ भी नहीं सोचा है। यहां (प्रतिनिधि सभा में) इस पर चर्चा भी नहीं की गई, क्योंकि चुनावी बॉन्ड एक प्रयोग है, ऐसे प्रयोग होते रहते हैं, नियंत्रण और संतुलन होना चाहिए। चुनावी बॉन्ड आज अचानक नहीं आया है, पहले भी आया है।

दत्तात्रेय होसबोले ने संदेशखाली घटना का किया जिक्र

इस सभा में  दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि स्वतंत्र भारत में संदेशखाली जैसी घटनाएं लोगों को झकझोर देने वाली हैं। यहां जिस तरह से अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति समाज की महिलाओं के साथ घटनाएं हुईं, वह दुखद हैं और उसके दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

इसमें सभी दलों को अपने राजनीतिक स्वार्थों को छोड़कर महिला सुरक्षा और समाज के इस विषय पर एक मत होकर ऐसी कार्रवाई करनी चाहिए कि भविष्य में ऐसा करने के बारे में कोई सोचे भी नहीं।

'विभाजनकारी ताकतें किसी भी सकारात्मक कार्य से कभी खुश नहीं होती'

उन्होंने आगे कहा कि जो शक्तियां भारत, हिंदुत्व या संघ की शत्रु हैं, वे समाज में विभेद पैदा करने का प्रयास करती हैं। इसी के तहत सनातन धर्म के बारे में गलत बयानी और दक्षिण के विभेद की बात उठाते रहते हैं।

उन्होंने कहा कि विघटनकारी और विभाजनकारी ताकतें किसी भी सकारात्मक कार्य से कभी खुश नहीं होती हैं। सर्वत्र अशांति पैदा करना और राजनीतिक एवं अन्य लाभ उठाना उनका काम है।

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