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    कौन था याकूब मेमन? सात साल पहले इसे किस जुर्म में दी गई थी फांसी? कब्र को लेकर क्यों हो रहा विवाद, पढ़ें हर सवाल का जवाब

    By Vijay KumarEdited By:
    Updated: Thu, 08 Sep 2022 08:31 PM (IST)

    मुंबई को 12 मार्च 1993 में सिलसिलेवार बम धमाकों से दहलाने के मास्टर माइंड टाइगर मेमन के भाई का नाम याकूब मेमन था। याकूब का पूरा नाम याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन था। 12 स्थानों पर हुए सिलसिलेवार धमाकों में 257 लोग मारे गए थे और 713 लोग घायल हुए थे।

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    याकूब का पूरा नाम याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन था।

    मुंबई, आनलाइन डेस्क। मुंबई को 12 मार्च, 1993 में सिलसिलेवार बम धमाकों से दहलाने के मास्टर माइंड टाइगर मेमन के भाई का नाम याकूब मेमन था। इस परिवार के चार सदस्यों याकूब मेमन, यूसुफ मेमन, ईसा मेमन एवं रूबीना मेमन को विस्फोट की साजिश एवं आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप में दोषी पाया गया था। याकूब मेमन उन 12 दोषियों में से एक था, जिन्हें टाडा अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन इस मामले में फांसी सिर्फ याकूब मेमन को ही दी जा सकी है। याकूब का पूरा नाम याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन था।

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    इस विस्फोटकांड में 12 स्थानों पर हुए सिलसिलेवार धमाकों में 257 लोग मारे गए थे, और 713 लोग घायल हुए थे। इस मामले का मास्टर माइंड माना जानेवाला याकूब का बड़ा भाई टाइगर मेमन अभी भी भगोड़ा घोषित है। हाल ही में केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने उस पर 15 लाख रुपए का इनाम घोषित किया है।

    भाई टाइगर मेमन के गैर-कानूनी फाइनेंस संभालता था याकूब

    याकूब की पत्नी का नाम रहीन मेमन है। उसे एक बेटी भी है। पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट याकूब गिरफ्तारी से पहले अकाउंट से जुड़ी फर्म चला रहा था, जिसके जरिये वह अपने भाई टाइगर मेमन के गैर-कानूनी फाइनेंस संभालता था। याकूब इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस से PG की पढाई कर रहा था। उसने 2013 में इग्नू से अंग्रेजी में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी।

    1994 में काठमांडू हवाई अड्डे से गिरफ्तार हुआ था याकूब

    याकूब पर धमाके की साजिश के लिए पैसे जुटाने का आरोप है। 1994 में याकूब को काठमांडू हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद उसे सीबीआइ के हवाले कर दिया गया। 53 वर्षीय याकूब को टाडा कोर्ट ने 27 जुलाई 2007 में आपराधिक साजिश का दोषी करार देते हुए सजा-ए-मौत सुनाई थी। इसके बाद उसने बॉम्बे हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में अपील की, लेकिन उसे राहत नहीं मिली।

    फिर 2013 में याकूब ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल की थी, उसे भी खारिज कर दिया गया। याकूब ने क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इस मामले में विशेष टाडा अदालत ने 10 अन्य दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी। उसे सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया।

    30 जुलाई, 2015 को नागपुर जेल में दी गई थी फांसी

    याकूब मेमन को सात साल पहले 30 जुलाई, 2015 को नागपुर जेल में फांसी दी गई थी। उसे उसी दिन मुंबई लाकर दक्षिण मुंबई के बड़ा कब्रिस्तान में दफनाया गया था। उस समय भी याकूब के जनाजे में बहुत बड़ी भीड़ जमा हुई थी। तब भी यह आशंका जताई गई थी कि कहीं याकूब की कब्र को कुछ लोग मजार न बना दें। अब यही आशंका सच साबित होती दिख रही है।

    याकूब मेमन की कब्र पर हैलोजन लाइट लगाकर रोशनी

    बताया जाता है कि इसी वर्ष मार्च में शब-ए-बारात के मौके पर याकूब मेमन की कब्र पर हैलोजन लाइट लगाकर रोशनी की गई थी। इसके अलावा उसकी कब्र के चारों ओर संगमरमर लगाकर उसके सौंदर्यीकरण का भी प्रयास किया गया है। याकूब मेमन को वहां दफनाए जाने के बाद उसके कुछ और रिश्तेदारों को भी उसके पास ही दफनाकर सभी कब्रों की एक साथ सजावट की गई है। याकूब की कब्र पर फूल भी चढ़े दिखाई दे रहे हैं।

    उद्धव ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस माफी मांगे : भाजपा

    भाजपा विधायक राम कदम ने आरोप लगाया है कि याकूब की कब्र को मजार बनाने का काम पूर्व की उद्धव सरकार के समय में हुआ है। इस मामले में उद्धव ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए। विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता श्रीराज नायर का कहना है कि आतंकी की कब्र पर रोशनी का इंतजाम करना आतंकवाद का समर्थन करने जैसा है। नायर के अनुसार याकूब की कब्र को तोड़ दिया जाना चाहिए। मुंबई पुलिस ने भी माना है शब-ए-बारात के दौरान याकूब की कब्र पर रोशनी का इंतजाम किया गया था लेकिन अब उसे हटा दिया गया है।