विला की बजाय ब्रांडेड रेसिडेंस ही क्यों चुन रहे हैं खरीदार, कैसे बदला ट्रेंड? गौरव सोबती ने बताई पूरी बात
आजकल रियल एस्टेट मार्केट में विला की जगह ब्रांडेड रेसिडेंस का ट्रेंड बढ़ रहा है। गौरव सोबती ने बताया कि खरीदार बेहतर लाइफस्टाइल और सुविधाओं की तलाश में हैं। ब्रांडेड रेसिडेंस में सुरक्षा और रखरखाव जैसी सुविधाएं मिलती हैं, जो विला में नहीं होतीं। खरीदारों की बदलती पसंद और आराम की चाहत के कारण यह ट्रेंड आगे भी जारी रहने की संभावना है।

गौरव सोबती, फाउंडर – होमग्राम
भारत में लग्ज़री हाउसिंग का चेहरा तेजी से बदल रहा है। जहां कभी लग्ज़री का मतलब था—विस्तृत विला या आलीशान बंगलो, वहीं अब हाई-नेटवर्थ इंडिविजुअल (HNI) और अल्ट्रा HNI खरीदार ब्रांडेड रेसिडेंस की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे घर जो सिर्फ रहने की जगह नहीं बल्कि ब्रांड की गारंटी, होटल जैसी सर्विस और एक खास पहचान भी दें।
इस ट्रेंड, बदलती सोच और रियल एस्टेट में आने वाले नए दौर पर हमने बात की गौरव सोबती, फाउंडर – होमग्राम से।
सवाल: भारत के अमीर घर खरीदार अब विला की बजाय ब्रांडेड रेसिडेंस क्यों चुन रहे हैं? क्या यह अब भी निच मार्केट है या मेनस्ट्रीम बन रहा है?
गौरव सोबती: आज के खरीदार की सोच बदल चुकी है। अब वे सिर्फ चार दीवारें नहीं, बल्कि एक एक्सपीरियंस, ब्रांड वैल्यू और भरोसेमंद सर्विस चाहते हैं। ब्रांडेड रेसिडेंस रियल एस्टेट की नेक्स्ट प्रीमियमाइजेशन वेव हैं। एचएनआई और यूएचएनआई खरीदार ऐसे प्रोजेक्ट्स को तरजीह दे रहे हैं जो उनके स्टेटस, लाइफस्टाइल और पहचान का हिस्सा बनें। अभी यह ट्रेंड सीमित है, लेकिन आने वाले सालों में यह मुख्यधारा की मांग बनने जा रहा है।
सवाल: भारत में ब्रांडेड रेसिडेंस की सबसे ज्यादा मांग कहां दिख रही है?
गौरव सोबती: उत्तर भारत में गुरुग्राम और नोएडा इस ट्रेंड के बड़े केंद्र बन चुके हैं। गुरुग्राम अब “ब्रांडेड रेसिडेंस की राजधानी” कहा जा सकता है। द्वारका एक्सप्रेसवे और एयरपोर्ट के पास की लोकेशन ने इसे सबसे पसंदीदा बना दिया है। यहां वेस्टिन रेसिडेंस, जैकब एंड को और एली साब जैसे हाई-एंड प्रोजेक्ट्स आने वाले हैं। पहले से दो ट्रंप टावर्स मौजूद हैं। नोएडा भी पीछे नहीं है।हाल ही में M3M ने यहां अपना पहला ब्रांडेड रेसिडेंस लॉन्च किया है। इससे शहर का लग्ज़री सेगमेंट और मज़बूत हुआ है। इन दोनों शहरों ने उत्तर भारत में ब्रांडेड हाउसिंग का ठिकाना बना लिया है।
सवाल: महामारी के बाद खरीदारों की प्राथमिकताएं कैसे बदली हैं?
गौरव सोबती: कोविड ने सबको सिखाया कि घर सिर्फ रहने की जगह नहीं, बल्कि जीवन का केंद्र है। अब खरीदार बड़े स्पेस, ओपन बालकनी, डेक, नेचुरल लाइट और बेहतर वेंटिलेशन चाहते हैं। लोग ऐसे घर चाहते हैं जहां उन्हें होटल जैसी सुविधा और घर जैसा सुकून मिले। यानी घर अब सुरक्षा और स्टेटस दोनों का प्रतीक बन गया है।
सवाल: खरीदारों के लिए क्या ज्यादा अहम है — ब्रांड, सर्विस या निवेश?
गौरव सोबती: तीनों मायने रखते हैं, लेकिन सबसे आगे ब्रांड प्रेस्टिज है। लोगों को यह गर्व होता है कि उनका घर किसी नामी ग्लोबल ब्रांड से जुड़ा है। वे जानते हैं कि उन्हें टॉप-क्लास सर्विस, मेंटेनेंस और एक्सक्लूसिव कम्युनिटी मिलेगी। साथ ही, यह एक समझदार निवेश भी है क्योंकि ऐसे प्रोजेक्ट्स की संख्या सीमित है, और आने वाले समय में इनकी रीसेल वैल्यू और बढ़ेगी।
सवाल: इंटरनेशनल ब्रांड्स और भारतीय डेवलपर्स में किसका प्रभाव ज़्यादा है? क्या ऐसे घर बेचना मुश्किल होता है?
गौरव सोबती: भारतीय खरीदार अब मेरियट, ट्रंप टावर, एस्कॉट और जैकब एंड कंपनी जैसे ग्लोबल ब्रांड्स की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इन नामों से विश्वसनीयता, सर्विस क्वालिटी और प्रतिष्ठा जुड़ी होती है। भारतीय डेवलपर्स भी अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन इंटरनेशनल ब्रांड्स का एक्सपोज़र और एक्सपीरियंस उन्हें बढ़त देता है। इसलिए फिलहाल विदेशी नामों का प्रभाव ज़्यादा है।
ब्रांडेड घर बेचना मुश्किल नहीं, बल्कि आसान है क्योंकि ये लिमिटेड एडिशन प्रॉपर्टीज़ होती हैं और खरीदार पहले से जानते हैं कि उन्हें क्या मिलने वाला है। यह कॉन्सेप्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुराना है, इसलिए एनआरआई खरीदारों में इनकी मांग काफी मजबूत है। ब्रांडेड नाम अपने आप में भरोसे की गारंटी होता है — इसलिए ऐसे घर खुद-ब-खुद बिक जाते हैं।
सवाल: ब्रांडेड रेसिडेंस महंगे होते हैं, तो क्या यह ट्रेंड टिकेगा? निवेशकों के लिए आपकी क्या सलाह है?
गौरव सोबती: बिलकुल टिकेगा। ब्रांडेड रेसिडेंस में 30–35% का प्रीमियम देना खरीदारों को सही लगता है, क्योंकि वे सिर्फ स्पेस नहीं, बल्कि एस्पिरेशनल लाइफस्टाइल और अनुभव खरीद रहे हैं। यह रियल एस्टेट और हॉस्पिटैलिटी का ऐसा मेल है जो मूल्य और प्रतिष्ठा दोनों बढ़ाता है। यही वजह है कि इस सेगमेंट में डिमांड लगातार बढ़ रही है। मैं निवेशकों से यही कहूंगा कि ब्रांडेड रेसिडेंस को स्मार्ट इन्वेस्टमेंट के तौर पर देखें। इनकी यूनिट्स सीमित हैं, डिमांड हमेशा ऊंची रहती है, और कीमतें सामान्य लग्ज़री घरों से ज्यादा बढ़ती हैं। यह एक ऐसा सेगमेंट है जो लंबे समय तक टिकने वाला और मुनाफ़ेदार रहेगा। खरीदारों के लिए यह लाइफस्टाइल और इन्वेस्टमेंट, दोनों का सही संतुलन है।
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