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    Nitin Gadkari: 'जो करेगा जाति की बात, उसको मारूंगा कसके लात', केंद्रीय मंत्री ने धर्म आधारित राजनीति पर और क्या कहा?

    केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जाति की राजनीति करने वालों को सीधा संदेश दिया है। केंद्रीय मंत्री ने जाति आधारित राजनीति को खारिज किया। उन्होंने कहा कि राजनीति में जहां जाति-आधारित पहचान अक्सर महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नितिन गडकरी शनिवार को नागपुर में सेंट्रल इंडिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में उन्होंने समानता के महत्व पर जोर दिया।

    By Jagran News Edited By: Abhinav Tripathi Updated: Sun, 16 Mar 2025 10:22 PM (IST)
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    केंद्रीय मंत्री ने धर्म आधारित राजनीति पर क्या कहा? (फोटो- पीटीआई)

    जेएनएन, मुंबई। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि किसी व्यक्ति का मूल्य उसकी जाति, धर्म, भाषा या लिंग के आधार पर नहीं, बल्कि उसके गुणों के आधार पर निर्धारित किया जाना चाहिए। इसी बात को आगे बढ़ाते हुए गडकरी ने कहा कि जो करेगा जाति की बात, उसे कस के मारूंगा लात।

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    दरअसल, नितिन गडकरी शनिवार को नागपुर में सेंट्रल इंडिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। जिसमें उन्होंने समानता के महत्व पर जोर दिया और जाति आधारित राजनीति को खारिज किया।

    जाति प्रथाओं में शामिल होना पसंद नहीं: गडकरी

    उन्होंने कहा कि राजनीति में जहां जाति-आधारित पहचान अक्सर महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लेकिन मैं इस तरह की प्रथाओं में शामिल होना पसंद नहीं करता, भले ही इससे हमें वोटों की हानि होती हो। गडकरी ने आगे बताया कि कैसे कई लोग अपनी जातिगत पहचान के आधार पर उनसे संपर्क करते थे, लेकिन वह अपने सिद्धांतों पर अडिग रहे।

    उन्होंने दर्शकों के साथ एक किस्सा साझा करते हुए कहा कि मैंने 50,000 लोगों की एक सभा में कहा कि जो करेगा जाति की बात, उसे कस के मारूंगा लात। यानी वह जाति आधारित चर्चाओं में शामिल नहीं होंगे।

    अपने सिद्धांतों पर रहूंगा कायम: गडकरी

    गडकरी ने कहा कि मेरे दोस्तों ने मुझसे कहा कि मैंने ऐसा कहकर खुद को नुकसान पहुंचाया होगा, लेकिन मुझे इसकी चिंता नहीं है। चुनाव हारने से कोई अपनी जान नहीं गंवाता। मैं अपने सिद्धांतों पर कायम रहूंगा।

    गडकरी ने मुस्लिम समुदाय में शिक्षा की तत्काल आवश्यकता पर भी जोर देते हुए कहा कि शिक्षा ही विकास और प्रगति की कुंजी है। हमारे समाज में जिस समुदाय को शिक्षा की सबसे अधिक आवश्यकता है, वह मुस्लिम समुदाय है।

    मुस्लिम समाज को लेकर क्या बोले केंद्रीय मंत्री?

    उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश, मुस्लिम समुदाय में केवल कुछ ही व्यवसायों को प्रमुखता मिली है, जैसे चाय की दुकानें चलाना, पान की दुकानें, कबाड़ का काम, ट्रक चलाना और सफाई करना। अगर हमारे समाज के लोग इंजीनियर, डॉक्टर, आईएएस और आईपीएस अधिकारी बनेंगे, तो हमारा समाज विकसित होगा। हम मस्जिद में सौ बार नमाज पढ़ सकते हैं, लेकिन अगर हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी को नहीं अपनाएंगे, तो हमारा भविष्य क्या होगा ?

    विपक्ष ने भी गडकरी के बयान का किया स्वागत

    गडकरी ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का उल्लेख करते हुए कहा कि डॉ. कलाम एक परमाणु वैज्ञानिक बने। उनके योगदान ने न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में उनको प्रसिद्ध किया। इसलिए मुस्लिम समाज को धर्म के साथ-साथ विज्ञान को भी अपनाना चाहिए।

    शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के 'जातिगत भेदभाव' वाले बयान का स्वागत किया और कहा कि कहा कि भाजपा की ऐसी राजनीति के कारण ही महाराष्ट्र को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है और उम्मीद है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के अन्य मंत्री भी गडकरी के शब्दों का समर्थन करेंगे।

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