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शिवसेना विवाद: शिंदे पर ठाकरे का निशाना, कहा- भगवा झंडा सिर्फ लोगों के हाथ में ही नहीं, दिल में होनी चाहिए

शिव सेना विवाद पर उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि भ्‍गवा झंडा सिर्फ हाथ में ही नहीं बल्कि इंसान के दिल में इसकी जगह होनी चाहिए। उन्‍होंने अपने आवास में पार्टी कार्यकर्ताओं से यह बात कही।

By JagranEdited By: Arijita SenPublished: Thu, 29 Sep 2022 03:44 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 03:44 PM (IST)
शिवसेना विवाद: शिंदे पर ठाकरे का निशाना, कहा- भगवा झंडा सिर्फ लोगों के हाथ में ही नहीं, दिल में होनी चाहिए
शिवसेना विवाद पर उद्धव ने शिंदे को घेरा

मुंबई, एजेंसी। शिव सेना (Shiv Sena) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राज्‍य के मुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) पर निशाना साधते हुए कहा कि भगवा झंडा सिर्फ हाथ में ही नहीं, बल्कि इसकी छवि लोगों के दिलों में भी होनी चाहिए। 

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मालूम हो कि भाजपा और शिंदे गुट अकसर एक-दूसरे पर निशाना साधते रहे हैं। भाजपा और शिंदे समूह अकसर ठाकरे पर इस बात का आरोप लगाते रहे हैं कि ठाकरे ने सत्‍ता के लिए कांग्रेस और राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ हाथ मिलाकर हिंदुत्‍व के आदर्शों के साथ समझौता किया है। 

अपने आवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करते हुए ठाकरे ने कहा, 'ईश्‍वर ने हमें यह मौका दिया है कि हम देश के लोकतंत्र और हिंदुत्‍व की रक्षा करे।'

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उन्‍होंने आगे कहा, 'भगवा झंडा सिर्फ लोगों के हाथों में ही नहीं, बल्कि दिलों में भी होनी चाहिए। यह मेरे दिल में है। इसी के साथ ठाकरे ने अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं को दशहरे की रैली में अनुशासित ढंग से शामिल होने को है, जिसे वह 5 अक्‍टूबर को संबोधित करने जा रहे हैं। मालूम हो कि असली शिवसेना कौन इसे लेकर दोनों खेमों में चल रहे विवाद को लेकर ठाकरे ने इस दौरान कहा, हमें कोर्ट के साथ-साथ चुनाव आयोग के समक्ष इस पर जीत हासिल करनी होगी।' 

गौर करने वाली बात है कि शिवसेना विवाद में मंगलवार को शीर्ष अदालत से शिंदे गुट को राहत मिली है क्‍योंकि पार्टी पर शिंदे खेमे के दावे को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission of India) की कार्यवाही पर लगी रोक सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हटा दी है। यानि कि अब आयोग यह फैसला ले सकता है कि चुनाव चिन्‍ह पर किसका हक है।

यह उद्धव ठाकरे के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है क्‍योंकि शिंदे खेमे ने मांग की थी कि जब तक विधायकों की योग्‍यता पर फैसला नहीं ले लिया जाता तब तक चुनाव आयोग की मामले पर कार्यवाही पर रोक लगाई जाए। ठाकरे की इसी अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने कल खारिज कर दिया।

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