Maharashtra Politics: उद्धव ठाकरे बोले, शिवसेना में होते तो मुख्यमंत्री बन चुके होते छगन भुजबल
Maharashtra Politics महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने वरिष्ठ नेता छगन भुजबल के पचहत्तरवें जन्मदिन पर कहा कि यदि छगन भुजबल ने शिवसेना नहीं छोड़ी होती तो वे मुख्यमंत्री बन चुके होते। भुजबल के जन्मदिन पर समारोह में कई नेताओं ने शिरकत की।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने वरिष्ठ नेता छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) के पचहत्तरवें जन्मदिन पर कहा कि यदि छगन भुजबल ने शिवसेना (Shivsena) नहीं छोड़ी होती, तो वे मुख्यमंत्री बन चुके होते।
छगन भुजबल के पचहत्तरवें जन्मदिन पर समारोह में पहुंचे ये नेता
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल राज्य उपमुख्यमंत्री व कई महत्त्वपूर्ण विभागों के मंत्री रह चुके हैं। वीरवार को उनके पचहत्तरवें जन्मदिन पर मुंबई के षड्मुखानंद सभागार में मनाए गए भव्य समारोह में उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला, महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष बाला साहब थोरात व शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे मौजूद रहे।
17 विधायकों को लेकर शिवसेना से अलग हुए थे भुजबल
छगन भुजबल ने अपनी राजनीति की शुरुआत शिवसेना से की थी, लेकिन शिवसेना से बगावत करने वाले भी सबसे पहले वही थे। 1990 में शिवसेना के 17 विधायकों को लेकर वह पार्टी से अलग हो गए थे। जबकि उस दौर में शिवसेना संस्थापक बाला साहब ठाकरे की तूती बोलती थी।
जब व्यक्ति के विचार बूढ़े हो जाते हैं, तब वह बूढ़ा होता हैः उद्धव
वीरवार को उन्हीं ठाकरे पुत्र व हाल ही में विभाजित हुई शिवसेना के एक गुट के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पुरानी बातों को याद करते हुए कहा कि यदि छगन भुजबल ने उस समय शिवसेना छोड़ी नहीं होती, वह अब तक मुख्यमंत्री बन चुके होते। उद्धव ने कहा कि व्यक्ति की आयु बढ़ती जाती है, लेकिन उससे वह बूढ़ा नहीं होता। जब व्यक्ति के विचार बूढ़े हो जाते हैं, तब वह बूढ़ा होता है। शरद पवार, फारुक अब्दुल्ला और छगन भुजबल ऐसे ही व्यक्तियों में से हैं, जो विचारों से अभी बूढ़े नहीं हुए हैं। आपके मन में एक जिद होनी चाहिए। एक ईर्ष्या होनी चाहिए। वह इस व्यक्ति (छगन भुजबल) के मन में है।
अजीत पवार बोले, तो आप महाराष्ट्र के सीएम होते
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, एलओपी और महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा कि शिवसेना के 15 विधायकों के पार्टी से हटने पर उद्धव ठाकरे को छगन भुजबल (राकांपा नेता) की मदद लेनी चाहिए थी। वह ऐसे परिदृश्यों का स्वामी है। अगर आपने उनसे संपर्क किया होता, तो आप महाराष्ट्र के सीएम होते।
यह भी पढ़ेंः उद्धव गुट ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र, पार्टी का नाम व चुनाव चिन्ह देने में भेदभाव का आरोप