Politics: कांग्रेस की इंडी गठबंधन को लेकर चुप्पी, उद्धव की शिवसेना ने उठाए सवाल
शनिवार को प्रकाशित सामना के संपादकीय में कहा गया है कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में तो सफलता मिली लेकिन विधानसभा में बड़ी असफलता हाथ लगी। इसके लिए कांग्रेस के अंदर के कुछ मुद्दे भी जिम्मेदार हैं। इस पर मंथन होना चाहिए। लोकसभा नतीजे के बाद आइएनडीआइए कहां है। ऐसे सवाल पूछे जाते हैं। कांग्रेस के लिए गुजरात के अधिवेशन से उन सवालों का जवाब देना जरूरी था।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। हाल ही में संपन्न हुए कांग्रेस के गुजरात अधिवेशन में विपक्षी गठबंधन आइएनडीआए पर कांग्रेस की चुप्पी महाराष्ट्र में उसकी सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) को चुभ रही है। उसके मुखपत्र सामना में जहां भाजपा के गढ़ गुजरात में जाकर अधिवेशन करने पर कांग्रेस एवं इसके नेता राहुल गांधी की तारीफ में कसीदे पढ़े गए हैं, वहीं इस अधिवेशन में आइएनडीआइए को लेकर कोई चर्चा न किए जाने पर अफसोस भी जताया गया है।
लोकसभा नतीजे के बाद आइएनडीआइए कहां है- सामना में पूछा सवाल
शनिवार को प्रकाशित सामना के संपादकीय में कहा गया है कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में तो सफलता मिली, लेकिन विधानसभा में बड़ी असफलता हाथ लगी। इसके लिए कांग्रेस के अंदर के कुछ मुद्दे भी जिम्मेदार हैं। इस पर मंथन होना चाहिए। लोकसभा नतीजे के बाद आइएनडीआइए कहां है। ऐसे सवाल पूछे जाते हैं।
कांग्रेस के लिए गुजरात के अधिवेशन से उन सवालों का जवाब देना जरूरी था। विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए का क्या हुआ। क्या उसे जमीन निगल गई या वह हवा में बिखर गया। वास्तव में क्या हुआ। इनका जवाब देना कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी है।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर तीखे बाण छोड़े
सामना में राहुल गांधी की तारीफ करते हुए लिखा गया है कि उन्होंने भाजपा के गढ़ गुजरात में भाजपा को घुसकर मारा और गुजरात भाजपा राहुल का हमला देखती रही। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर तीखे बाण छोड़े। वह सीधा हमला करते हैं। वे परिणामों की परवाह नहीं करते।
उन्होंने गुजरात की धरती पर जाकर मोदी-शाह की नींद उड़ा दी है। राहुल गांधी और कांग्रेस ने अपनी फौज लेकर गुजरात में प्रवेश किया और भविष्य की दिशा तय कर दी। इसलिए, मोदी की नींद उड़ गई। अब उन्हें कुछ समय परेशान रहना होगा।
सामना ने एक ओर इस प्रकार राहुल गांधी की तारीफ के पुल बांधे तो दूसरी ओर कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन में लोकसभा चुनाव से पहले बने विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए की कोई चर्चा न किए जाने पर अफसोस भी जताया।
सामना लिखता है कि मोदी-शाह को उन्हीं की जमीन पर जाकर चुनौती देने की ये कोशिश अच्छी है, लेकिन क्या इससे वाकई भारत में राजनीतिक क्रांति होगी। 2024 के आम चुनाव में कांग्रेस ने 100 सीटें जीतीं।
आइएनडीआइए ने मोदी को 240 पर रोका
आइएनडीआइए ने मोदी को 240 पर रोका, लेकिन यह गठबंधन सत्ता हासिल नहीं कर पाया। जिस गुजरात की जमीन से कांग्रेस ने मोदी को चुनौती दी, उस राज्य में कांग्रेस लोकसभा में एक भी सीट नहीं जीत सकी। कांग्रेस को मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश में भी कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।
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