Maharashtra: सीएम के जाली 'हस्ताक्षर' वाली पर्ची दिखाकर दुकान मालिक से 1.31 करोड़ की ठगी
Maharashtra News मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के जाली हस्ताक्षर वाले सरकारी लेनदेन की भुगतान पर्ची दिखाकर 1.31 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में दो ...और पढ़ें

पालघर, एजेंसी। Maharashtra News: महाराष्ट्र के पालघर (Palghar) में प्रदेश के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के जाली हस्ताक्षर वाले सरकारी लेनदेन की भुगतान पर्ची दिखाकर 1.31 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
ऐसे की ठगी
प्रेट्र के मुताबिक, वालिव पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया कि आरोपित जतिन पवार और वसई तालुका के नालासोपारा निवासी शुभम वर्मा पर स्टेशनरी की दुकान के मालिक जिग्नेश गोपानी (50) को ठगने का आरोप है। आरोपित ने दावा किया कि वे राज्य सरकार के ई-पोर्टल की एक फ्रेंचाइजी शुरू करना चाहते थे। उन्होंने गोपानी को एक साझेदारी सौदे की पेशकश की और उनसे फीस के रूप में एक लाख रुपये मांगे। दोनों ने गोपानी से 1,31,75,104 रुपये ले लिए।
भुगतान पर्ची पर हस्ताक्षर के साथ टाइप किया था सीएम का नाम
25 अगस्त को आरोपित ने गोपानी को ई-पोर्टल फ्रेंचाइजी प्राप्त करने के लिए लाइसेंस, परमिट और अन्य शुल्क के लिए भुगतान की गई राशि के लिए भुगतान पर्ची दी। उन्होंने उसे बताया कि यह राज्य के आबकारी विभाग द्वारा जारी किया गया था। भुगतान पर्ची पर एकनाथ शिंदे का नाम अंग्रेजी में उनके हस्ताक्षर के साथ टाइप किया गया था।
मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर वाली पर्ची को संदिग्ध पाया
वालिव पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया कि गोपानी ने मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर वाली पर्ची को संदिग्ध पाया और पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद शनिवार रात को मामला दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी और अन्य अपराधों के लिए भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था और पवार और वर्मा को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।
ठाणे में महिला से हुई थी ठगी
महाराष्ट्र के ठाणे में एक महिला को अधिक लाभ कमाने का लालच देकर बीमा योजना में निवेश करने के लिए कहा गया था और इस चक्कर में उन्होंने अपने 26 लाख रुपये गंवा दिए थे। महिला की शिकायत के आधार पर विठ्ठलवाड़ी पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। साल 2020 में सरकारी नौकरी से रिटायर होने के बाद महिला फिक्स्ड डिपाजिट में निवेश करने के नाते एक राष्ट्रीयकृत बैंक गई थी।

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